निजी अस्पताल संचालकों की बैठक में कलेक्टर
जबलपुर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने निजी अस्पताल संचालकों को कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अपने अस्पतालों में आइसोलेशन बेड़ की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। कलेक्ट्रेट सभाकभ में निजी अस्पतालों के संचालकों की आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए श्री शर्मा ने कोरोना मरीजों के उपचार में शासन द्वारा तय गाईडलाइन का शत-प्रतिशत पालन करने की अपेक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि निजी अस्पताल कोरोना मरीजों के उपचार के मिले अवसर को सेवा की तरह लें और स्वस्थ्य होने के बाद ही मरीजों को डिस्चार्ज करें।
कलेक्टर ने बैठक में कोरोना से मृत्यु को रोकने निजी अस्पताल संचालकों से कहा कि गंभीर मरीजों के अर्ली रेफरल पर जोर देते हुए कहा कि मेडीकल कॉलेज भेजते समय उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनकी जान बचाने के लिए मेडीकल कॉलेज में चिकित्सकों को भी पर्याप्त समय मिले। देर से या स्थिति बिगडऩे पर गंभीर मरीजों को मेडीकल अस्पताल रेफर करने के निजी अस्पतालों के रवैय्ये पर भी उन्होंने आपत्ति जताई। श्री शर्मा ने कहा कि निजी अस्पताल पहले देख लें कि गंभीर रोगों से ग्रसित कोरोना पाजिटिव का कोरोना संदिग्ध मरीजों को उपचार करने में सक्षम हैं या नहीं। तभी उन्हें भर्ती करें अन्यथा सीधे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दें।
कलेक्टर ने बैठक में निजी अस्पताल पहुंचने वाले कोरोना मरीजों के प्रति संवदेनशील रवैया अपनाने का अनुरोध भी अस्पताल संचालकों से किया। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मरीज भी निजी अस्पताल पहुंच जाते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं होती, उनका भी अस्पताल संचालकों को ध्यान रखना होगा।
कलेक्टर ने बैठक में बताया कि निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों को दिये जा रहे उपचार की मानिटरिंग के लिए जिला प्रशासन द्वारा चिकित्सकों और अधिकारियों की टीमें भी गठित की गई हैं। ये टीमें गंभीर रोगियों के स्वास्थ्य पर निगाह भी रखेंगी श्री शर्मा ने बैठक में निजी अस्पताल संचालकों को शासन द्वारा दी गई गाईड लाइन का भी सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जीतेन्द्र जामदार, सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया भी मौजूद थे।
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