नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ ऑनलाइन। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविड-19 के टीके के देश में दूसरे व तीसरे चरण के मानव परीक्षण के लिये सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को मंजूरी दे दी है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि एसआईआई को यह मंजूरी औषधि महानियंत्रक डॉ. वी.जी सोमानी ने दी। इससे पहले उन्होंने कोविड-19 के विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की अनुशंसाओं पर गहन विचार-विमर्श किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘कंपनी को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल से पहले सुरक्षा संबंधी वह डाटा केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के पास जमा करना होगा जिसका मूल्यांकन डाटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड (डीएसएमबी) ने किया हो।’ पैनल ने यह भी सुझाव दिया है कि क्लिनिकल ट्रायल के लिए स्थलों का चुनाव पूरे देशभर से किया जाए। चंडीगढ़ में पीजीआई सूचीबद्ध परीक्षण स्थलों में से एक है, जिसमें 17 साइटों पर परीक्षणों में 1,600 लोगों स्वस्थ वयस्कों को टीका लगाया जायेगा। अन्य साइटों में दिल्ली में एम्स, पुणे में एबीजे मेडिकल कॉलेज, पटना में राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस), जोधपुर में एम्स, गोरखपुर में नेहरू अस्पताल, विशाखापट्टनम में आंध्र मेडिकल कॉलेज और मैसूर में जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च शामिल हैं।
हर व्यक्ति को 4 हफ्ते के अंतर पर 2 डोज
इस शोध की रूपरेखा के मुताबिक, शोध में शामिल हर व्यक्ति को 4 हफ्ते के अंतर पर 2 डोज दिए जाएंगे (अर्थात पहले डोज के 29वें दिन दूसरा डोज दिया जाएगा)। इसके बाद तय अंतराल पर सुरक्षा और इम्यून सिस्टम का आकलन होगा।’ अधिकारियों ने बताया कि सीडीएससीओ के विशेषज्ञ पैनल ने पहले और दूसरे चरण के परीक्षण से मिले डाटा पर गहन विचार विमर्श करने के बाद ‘कोविशिल्ड' के भारत में स्वस्थ वयस्कों पर दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी दी। आक्सफोर्ड द्वारा विकसित इस टीके के दूसरे एवं तीसरे चरण का परीक्षण अभी ब्रिटेन में चल रहा है। तीसरे चरण का परीक्षण ब्राजील में और पहले तथा दूसरे चरण का परीक्षण दक्षिण अफ्रीका में चल रहा है।
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