पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों को काम पड़ रही जगह, टेरेटरी बनाना हुआ मुश्किल !


जबलपुर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। पन्ना टाइगर रिजर्व में पार्क प्रबंधनने बढ़ते बाघ परिवार पर खुशी जताई है, साथ ही आपसी भिड़ंत में टाइगर की मौत पर जंगल कम होने की बात भी स्वीकार की है। हालांकि सिमटते जंगल पर वैश्विक चिंतन वर्षों से हो रहा है, लेकिन पिछले दिनों पार्क में वयस्क बाघ का क्षत विक्षत शव मिलने के बाद प्रबंधन ने जंगल के अनुपात की तुलना में बाघों की संख्या अधिक जाहिर की थी। पन्ना टाइगर रिजर्व में पिछले सात महीनों में 4 बाघों की मौत हो चुकी है, इसमें तीन की मौत टेरीटोरियल फाइट बताया गया है। टाइगर रिजर्व में बाघों के बीच बढ़ रहे संघर्ष का बड़ा कारण बाघ परिवार के विस्तार को माना जा रहा है। वर्ष 2019 में बढ़े 19 टाइगर- जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 को पार्क में नए बाघ देखे गए, इनमें शावक भी शामिल हैं। बीते माह ही बाघिन के साथ तीन शावकों को देखा गया था।


वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि बाघों के बीच भिड़ंत का एक बड़ा कारण नर बाघों द्वारा अपनी टेरेटरी (ऐरिया) बनाना है। इसमें वयस्क बाघ अपना ऐरिया बनाने निकलता है, जहां वह अपना ऐरिया बनाता है, वहां उसकी भिड़ंत पहले से रह रहे बाघ से होती है, ये सारा कुछ नैसर्गिक है। बताया जाता है कि इस भिड़ंत में एक बाघ की मौत निश्चित है। बाघों के शावकों की मृत्यु का एक कारण वयस्क बाघ द्वारा शावकों को मारना है, जब बाघ-बाघिन के साथ मेटिंग करने पहुंचता है, जब बाघिन शावकों के साथ होने के कारण बाघ को नकार देती है, ऐसे में नर बाघ, बाघिन के शावकों को मार तक देता है।


Post a Comment

और नया पुराने