प्रशांत भूषण ने आदणी कंपनी केस और मुर्मू को कैग बनाने पर उठाए सवाल


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ ऑनलाइन। वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने आदणी कंपनी के मामले और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू को भारत का नया नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) नियुक्त करने पर सवाल उठाए हैं। दोनों ही मसलों पर भूषण ने सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठाते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। 


अपने पहले ट्वीट में प्रशांत भूषण लिखते हैं, '2019 से लेकर अब तक यह 7वां मामला है, जिसमें अदाणी कंपनी शामिल हैं, जिसे जस्टिस मिश्रा के नेतृत्व वाली खंडपीठ सुन रही है। इससे पहले 6 मामले अदाणी ग्रुप के पक्ष में गए हैं। अगर यह मामला भी उनके पक्ष में जाता है, तो यह ग्राहकों को करीब 5 हजार करोड़ रुपये के बदहाल राज में छोड़ देगा।' बता दें कि प्रशांत भूषण के खिलाफ जस्टिस मिश्रा कोर्ट अवमानना का केस भी सुन रहे हैं। 



वरिष्ठ वकील ने मुर्मू मामले में भी अपने जज्बात जाहिर किेए हैं। वह लिखते हैं, 'जीसी मुर्मू, मोदी/शाह के भरोसेमंद हैं और गुजरात से नौकरशाह का करियर बनाकर आए हैं। राजनीति शास्त्र में उनकी डिग्री है और इससे पहले कश्मीर में उपराज्यपाल नियुक्त किए जा चुके हैं, और अब उन्हें कैग में नियुक्त किया गया है! अब आप देख सकेंगे कि कैसे कैग संस्थान का अधोपतन होता है और इस पर सरकार कैसे हावी होती है।'


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