मुख्यपृष्ठशिक्षा साहित्य कला संस्कृति शायर रवि प्रधान का शेर - इश्क अक्षर सत्ता अगस्त 22, 2020 0 किसी गरीब के कर्ज की तरह है ये इश्क।जबसे चढ़ा है आज तक उतरा कहाँ है।।- रवि प्रधान
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