यूपी में बढ़ते अपराधों पर आप सांसद बोले, न तो ना कोई नियम है, ना कानून है और ना ही व्यवस्था।


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ ऑनलाइन। समाज में वैमनस्य फैलाने संबंधी विभिन्न मुकदमों का सामना कर रहे आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर पलटवार करते हुए रविवार को कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार अपराधियों की तरह काम नहीं कर सकती। सिंह ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के योगी राज को ‘जंगलराज’ कहना भी शायद कम होगा, क्योंकि जंगल के भी अपने कुछ नियम होते हैं। यहां न तो ना कोई नियम है, ना कानून है और ना ही व्यवस्था।’’ 


उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, 'आप ठोंको नीति से सरकार चलाना चाहते हैं। यह एक लोकतांत्रिक देश है। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार अपराधियों की तरह काम नहीं कर सकती। उसे कानून के मुताबिक ही काम करना होता है। कानून का राज तब होता है जब आपकी समाज के अंदर एक विश्वसनीयता हो और यह सरकार अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि मुख्यमंत्री की पार्टी के 200 विधायक उनके खिलाफ विधानसभा में धरने पर बैठ गए थे।' 


आप की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रभारी ने कहा, 'लोकतंत्र में संवैधानिक तरीके से चुनी गई सरकार सबके लिए होती है, किसी जाति विशेष के लिए नहीं। मैंने यह सवाल उठा दिया तो पांच जिलों में मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिए गए।' उन्होंने कहा, 'मैं इन मुकदमों से कतई डरने वाला नहीं हूं और जो भी सच है वह लगातार बोलता रहूंगा। एक लोकतांत्रिक सरकार से यह कहना कि आप सबके लिए काम करिए, वह जाति का अपमान कैसे हो गया?' 



गौरतलब है कि संजय सिंह पर एक जाति विशेष के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में लखीमपुर, संतकबीरनगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और ग्रेटर नोएडा में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। उन पर समाज को बांटने और सामाजिक समरसता बिगाडऩे वाला बयान देने का आरोप है। सिंह ने कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामराज्य लाने की बात करते हैं कोई उनसे पूछे कि राम का आदर्श क्या था। श्री राम ने वानरों और भालू की सेना बना कर रावण का नाश किया। श्री राम ने उन सभी को साथ लेकर लड़ाई लड़ी। कष्ट सहकर भी जनता को सर्वोपरि रखा। योगी जी रामराज्य की बात तो करते हैं लेकिन सबके हित में काम नहीं करना चाहते।' 



आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों पर भी निशाना साधते हुए कहा,‘‘लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष का होना बहुत जरूरी है। डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि अगर सड़क खामोश हो गई तो संसद बेलगाम हो जाएगी। विपक्ष में यह जीवटता होनी चाहिए कि वह लाठी, गोली खाकर भी जनता की आवाज को उठाए लेकिन प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे हैं। इसी वजह से सरकार निरंकुश हो गयी है।'


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