बालाघाट : सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर तत्काल फीवर क्लीनिक में जांच कराएं 


बालाघाट/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कोरोना महामारी के इस काल में सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर मरीज के अस्पताल पहुंचने में विलंब होने के कारण मरीज की जान पर बन आती है। जबकि ऐसे मरीजों को बचाया जा सकता है, बशर्ते मरीज अविलंब अस्पताल पहुंचकर जांच एवं समुचित ईलाज कराये। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने जिले की जनता से अपील की है कि सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम एवं सांस लेने में तकलीफ होने पर डरें नहीं बल्कि अविलंब अपने निकटवर्ती अस्पताल पहुंचे और अपना ईलाज करायें।
     डॉ. पांडेय ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश में प्रतिदिन हो रहे डेथ ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा उपरांत यह तथ्य सामने आया है कि कोविड-19 महामारी के कारण हो रही मृत्यु का प्रमुख कारण रोगियों के उपचार हेतु अस्पताल में उपस्थिति दर्ज कराने में अत्यधिक विलम्ब होना है। पिछले तीन माह से हो रहे डेथ ऑडिट में यह पाया गया है कि वृद्ध एवं अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को बचाया जा सकता है, यदि वह समय पर अस्पताल पंहुच कर आवश्यक जांच एवं समुचित इलाज करवायें। किन्तु प्रदेश में प्रतिदिन हो रही मृत्यु मे से अधिकांशतः मृत्यु केवल उपचार हेतु विलम्ब से अस्पताल पंहुचने के कारण हो रही है। इसका प्रमुख कारण आम जनता में कोविड-19 कोरोना वायरस के प्रति लोगो में व्याप्त भय, भ्रांतियां तथा जनसामान्य द्वारा मास्क के उपयोग में लापरवाही, सामाजिक दूरी का पालन न करना, बार-बार हेण्डवाश/साबुन से हाथ न धोना, हेण्ड सेनेटाईज़र का उपयोग न किया जाना है।
     इन्ही तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए जिले के जनसामान्य से अपील की गई है कि सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ आदि होने पर तत्काल ही अपने विकासखण्ड मुख्यालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला मुख्यालय पर शासकीय जिला चिकित्सालय बालाघाट में स्थापित फीवर क्लीनिक में अविलम्ब उपस्थित होकर अपना उपचार करवायें तथा सदैव ही मास्क का उपयोग करें, सामाजिक दूरी का पालन करें, बार-बार हेण्डवाश/साबुन से हाथ धोयें, हेण्ड सेनोटाईज़र का उपयोग करें। छींकते एवं खांसते समय रुमाल का इस्तेमाल करें।


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