कारोबारी त्रिपाठी की हत्या : यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। महोबा जिले के कबरई कस्बे में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सोमवार दोपहर क्रशर व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस बीच पुलिस द्वारा क्रशर व्यवसायी के एक सहयोगी को हिरासत में ले लेने से स्थिति तनाव पूर्ण हो गयी है। महोबा के पुलिस अधीक्षक (अब निलंबित) मणिलाल पाटीदार के खिलाफ छह लाख रुपये की रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल करने के कुछ घंटे बाद संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से घायल हुए कबरई कस्बे के क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी की रविवार देर शाम कानपुर के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी। 


भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आज (सोमवार को) उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।    इस बीच, मृत क्रशर व्यवसायी के बड़े भाई रविकांत त्रिपाठी ने आरोप लगाया, 'अंतिम संस्कार से लौटते समय उनके व्यावसायिक सहयोगी (पार्टनर) पुरुषोत्तम सोनी को पुलिस रास्ते से जबरन जीप में डाल कर ले गई और उन्हें थाने में बंद कर दिया है।' मृत क्रशर व्यवसायी के भाई ने बताया, 'अपर पुलिस अधीक्षक ने उनके व्यवसायी सहयोगी पुरुषोत्तम सोनी को उठाया था, लेकिन जिलाधिकारी के पहुंचते ही वे (एएसपी) थाने से चले गए और डीएम से वार्ता होने के बाद थाने का घेराव बंद कर दिया गया है। अभी ग्रामीणों की भीड़ थाने में ही मौजूद है और सोनी को छोडऩे की बात चल रही है।' 


रविकांत ने आरोप लगाया कि 'पुलिस के अधिकारी निलंबित पुलिस अधीक्षक का बचाव कर रहे हैं और हमारा उत्पीडऩ कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि 'पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट थानाध्यक्ष हमारे (यानी शव) के साथ ही कानपुर से लेकर आये हैं, लेकिन अभी तक मामले में हत्या (302) की धारा नहीं जोड़ी गयी।'


गौरतलब है कि क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत को गोली लगने के मामले में रविकांत त्रिपाठी की तहरीर पर शुक्रवार की शाम कबरई थाने में निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के निलंबित थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला और पत्थर खनन के विस्फोटक सामग्री व्यवसायी ब्रम्हदत्त एवं सुरेश सोनी के खिलाफ जबरन वसूली (386), हत्या का प्रयास (307), आपराधिक साजिश (120बी) एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7/8 के तहत मामला दर्ज हुआ था और शनिवार को अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश भी घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। 


रविकांत ने आरोप लगाया था कि महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पाटीदार ने उनके भाई से छह लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी और नहीं देने पर उसे झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दी थी। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को महोबा के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को निलम्बित कर दिया था। 



मुख्यमत्रीं योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के मामलों में महोबा के निलम्बित पुलिस अधीक्षक की सम्पत्तियों की जांच विजिलेंस के माध्यम से कराये जाने के निर्देश दिये हैं। गृह विभाग के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया था कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि निलम्बित अधिकारी मणिलाल पाटीदार द्वारा की गयी अनियमितताओं में संलिप्त पुलिसकर्मियों की अलग से जांच कर उन्हें शीघ्र दंडित कराया जाए। पाटीदार को पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबध्द किया गया है। 


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