संसद में उठा 3 भाषा फार्मूला और जीएसटी बकाये समेत कई मुद्दे उठाए गए


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। लोकसभा में शनिवार को तीन भाषा फार्मूला, राज्यों के जीएसटी के बकाये के भुगतान की मांग समेत कई मुद्दे उठाए गए। सदन में शून्यकान के दौरान निर्दलीय सांसद सुमलता अम्बरीश ने तीन भाषा फार्मूले का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदी को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। हमें हिंदी भाषा से बहुत प्यार है, लेकिन हमें उससे भी ज्यादा मातृ भाषा से स्नेह है। मातृभाषा को बढ़ावा देने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि इस मामले को गंभीरता से ले और उचित कदम उठाए।' कांग्रेस के दीपक बैज ने राज्यों का जीएसटी के बकाये का मुद्दा उठाया और कहा कि यह राशि छत्तीसगढ़ सरकार और दूसरी प्रदेश सरकारों के लिए तत्काल जारी करने की जानी चाहिए। भाजपा के किशन कपूर ने कहा कि एनसीईआरटी की तर्ज पर हिमालयी राज्यों के लिए संयुक्त शिक्षा परिषद बनाई जाए ताकि नयी शिक्षा नीति प्रभावी ढंग से लागू हो सके। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 370 हटाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कई विधायकों एवं पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उनकी रिहाई नहीं की गई। वहां 2जी इंटरनेट चल रहा है। कोरोना के मामले बहुत बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी राजनीतिक नेताओं की रिहाई की मांग करता हूं।' कांग्रेस के राजमोहन उन्नीथन, भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल और मितेश पटेल, तेलुगू देशम पार्टी के जयदेव गल्ला, द्रमुक के केएस सुंदरम, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के. रघु राम कृष्ण राजू, जदयू के अजय कुमार मंडल तथा कई अन्य सदस्यों ने अपने क्षेत्रों अथवा राज्यों से जुड़े मुद्दे उठाए।


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