नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी खाते को गैर निष्पादित संपदा (एनपीए) घोषित नहीं करने संबंधी अपने अंतरिम आदेश की अवधि अगले आदेश तक के लिये बढ़ा दी। इससे पहले, सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मोरेटोरियम अवधि में ऋण भुगतान की किस्तें स्थगित करने पर बैंकों द्वारा लगाये गये जा रहे ब्याज के मसले पर उच्च स्तर पर विचार हो रहा है। शीर्ष अदालत ने केन्द्र और रिजर्व बैंक को अपना जवाब दाखिल करने के लिये 2 सप्ताह का समय देते हुये कहा कि इससे पहले इस बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने इस मामले को अब 28 सितंबर के लिये सूचीबद्ध किया है। पीठ ने उम्मीद जताई कि केन्द्र और रिजर्व बैंक सभी मुद्दों पर सक्रिय होकर विचार करेंगे। पीठ ने स्पष्ट किया कि वह अंतिम अवसर दे रही है और इसके बाद इसकी सुनवाई स्थगित नहीं की जायेगी। न्यायालय कोविड-19 महामारी की वजह से घोषित मोरेटोरियम अवधि के दौरान स्थगित की गयी किस्तों पर ब्याज वसूले जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने एनपीए पर राहत की अवधि अगले आदेश तक बढ़ाई
अक्षर सत्ता
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