कमलनाथ को दुबारा 'स्टार प्रचारक ' बनाने कांग्रेस ने उठाया बीड़ा, बताया इसे अलोकतांत्रिक कार्रवाई


भोपाल/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। मध्य प्रदेश. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चली गईं इमरती देवी को आइटम कहने और शिवराज सिंह को झूठा एक्टर बताने वाले पूर्व मुख्यमंत्री से स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने से कांग्रेस में नाराजगी है। यानी अब जो भी कांग्रेस प्रत्याशी उन्हें प्रचार के लिए बुलाएगा, इसका खर्चा उसे चुनाव आयोग के सामने शो करना होगा। उल्लेखनीय है कि उम्मीदवारों के लिए खर्चे की एक लिमिट है। इस मामले को राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा सुप्रीम कोर्ट में ले जाने वाले हैं। उन्होंने चुनाव आयोग की कार्रवाई को अलोतांत्रिक बताया। तन्खा ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिना नोटिस दिए यह निर्णय लिया। हालांकि यह और बात है कि भले कोर्ट जो फैसला दे, लेकिन इसका अब कांग्रेस के चुनाव प्रचार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। क्योंकि 3 नवंबर को तो वोटिंग ही है।


सलाह नहीं मानने का नतीजा...
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के लिए उपचुनाव होने जा रहे हैं। कमलनाथ ने अपनी प्रचार सभाओं में लगातार विवादास्पद बयान दिए थे। इसके लिए चुनाव आयोग ने उन्हें बार-बार सलाह दी, मगर वे नहीं माने। लिहाजा शुक्रवार को चुनाव आयोग ने आदेश जारी करके इसे आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और सलाह की अनदेखी करने का मामला बताया था। साथ ही कमलनाथ को कांग्रेस के स्टाच प्रचारकों की सूची से हटा दिया था।


कमलनाथ ने कहा
शनिवार को कमलनाथ ने कहा कि स्टार प्रचारक  जैसा कोई पद नहीं होता। उन्हें कोई भी प्रचार करने से नहीं रोक सकता। कमलनाथ ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि वो अब हारजीत के अंतर को लेकर बौखला रही है। बता दें कि चुनाव आयोग ने- 'शिवराज नौटंकी के कलाकार मुंबई जाकर एक्टिंग करें' और 'आपके भगवान तो वह माफिया हैं, जिससे आपने मध्य प्रदेश की पहचान बनाई, आपके भगवान तो मिलावट खोर हैं' जैसे विवादास्पद बयानों को आधार बनाया है।


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