मुजफ्फरपुर : चपरासी के  खातों में मिले 13 करोड़ रुपये, चल रहा था काली कमाई को सफेद करने का खेल 


मुजफ्फरपुर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। पुरानी गुदरी निवासी आभूषण व मोबाइल फोन व्यवसायी राजकुमार गोयनका और उसके भाई अशोक गोयनका ने मुखौटा कंपनी के नाम से बैंक में खाते खोले थे। इसमें कांता सेल्स कॉरपोरेशन, पूजा ट्रेडिंग कंपनी, पूजा ज्वेलर्स, मनीष ज्वेलर्स फर्म शामिल हैं। केवाइसी का दुरुपयोग कर अपने चपरासी कुणाल के नाम से भी चार फर्जी खाते खोले थे। इसके अलावा परिवार के सदस्य व अन्य कर्मचारियों के नाम से भी बैंक में खाते खोले गए थे।


चपरासी कुणाल के नाम चार फर्जी बैंक खातों में 13 करोड़ रुपये की काली कमाई जमा कर दी गई थी। इन खातों में गोयनका बंधुओं ने अपना मोबाइल नंबर दिया था। फिर इन्हीं बैंक खातों से राशि कोलकाता ट्रांसफर की गई। इस संबंध में मिठनपुरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इससे आयकर विभाग की पकड़ में आ गया। पिछले साल ईडी ने उसकी संपत्ति कुर्क की थी।


प्रवर्तन निदेशालय ने नोटबंदी के दौरान हवाला के जरिए बड़ी रकम इधर से इधर करने के आरोप में दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें सघन पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है।


प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हवाला कारोबारी राजकुमार गोयनका और पंकज कुमार अग्रवाल पर नोटबंदी के दौरान 25 से 30 करोड़ की राशि इधर से उधर करने के आरोप की जांच निदेशालय कर रहा था। इस मामले में लंबे अनुसंधान से मिले सबूतों के आधार पर कार्रवाई करते हुए ईडी ने दोनों कारोबारियों को कल अपनी गिरफ्त में लिया था। सूत्रों ने बताया कि राजकुमार गोयनका को मुजफ्फरपुर से जबकि पंकज अग्रवाल को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया।


दोनों आरोपियों को लेकर ईडी की टीम पटना पहुंची और दोनों से अलग-अलग लंबी पूछताछ की गई। सूत्र बताते हैं कि दोनों व्यवसायी पुराने खिलाड़ी हैं और पूर्व में भी इनकी चार करोड़ की संपत्ति निदेशालय अटैच कर चुका है। पूछताछ में इन आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकार किया कि इन दोनों ने अलग-अलग काम करते हुए हवाला के जरिए करोड़ों का लेन-देन किया था। इन दोनों से मिली जानकारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इन्हें जेल भेज दिया है। अब जल्द ही इन्हें रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ भी की जाएगी।


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