पटना/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। एनडीए में सीटों की शेयरिंग का मामला नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच की प्रतिष्ठा की लड़ाई में फंसकर संवेदनशील स्थिति तक पहुंच चुका है। अमित शाह के मैदान में कूदने के बावजूद दिल्ली से लेकर पटना तक पिछले तीन दिनों में मेल मुलाक़ात की तमाम कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं। नीतीश से खार खाए बैठे चिराग झुकने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। उनके तेवर से एनडीए के भविष्य को लेकर जबरदस्त सस्पेंस बन चुका है। चिराग आज शाम को दिल्ली में पार्टी संसदीय दल की बैठक भी करने जा रहे हैं।
कयास हैं कि मीटिंग के बाद चिराग अपने पत्ते खोल देंगे। बीजेपी की लाख कोशिशों और मनुहार के बावजूद एलजेपी चीफ मानने को तैयार होते नहीं दिख रहे। वो अभी भी 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हैं। ये वो सीटें हैं जहां बीजेपी के उम्मीदवार मैदान में नहीं होंगे। आज संसदीय दल की मीटिंग में प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा की बातें भी सामने आ रही हैं।
पीएम मोदी से बैर नहीं, पर नीतीश की खैर नहीं
हालांकि चिराग की सारी नाराजगी नीतीश कुमार से है। वो बारबार पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भरोसा जता रहे हैं मगर नीतीश की सार्वजनिक बुराइयां कर रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने नीतीश के सात निश्चय को भी फ्लॉप बताते हुए उसमें भ्रष्टाचार तक के आरोप लगा दिए। इस आरोप के बाद जेडीयू की तिलमिलाहट और बढ़ गई है। जिस तरह का तनाव है उसे देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि चिराग के अगले कदम से एनडीए की एकजुटता को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
शाह ने दिया था ये प्रस्ताव
इस हफ्ते अमित शाह ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर चिराग के मसले पर कई राउंड मैराथन मीटिंग की थी। एक बैठक में चिराग पासवान भी नड्डा के घर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने शाह से नीतीश की शिकायतें की थीं। शाह की ओर से जो फॉर्मूला दिया गया उसके मुताबिक एलजेपी को विधानसभा की 28 से 36, विधानपरिषद की 2 और राज्यसभा की एक सीट देने पर सहमति बनी। हालांकि 42 सीटें मांग रहे एलजेपी नेता पसंद की विधानसभा सीटें मिलने पर समझौते के लिए राजी थे। उधर, जेडीयू ने बीजेपी की दर्जनभर सीटों पर इस बार दावा ठोक दिया है।
चिराग के रवैये पर बीजेपी नेताओं ने क्या कहा?
दिल्ली से बीजेपी के दोनों प्रभारियों देवेन्द्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव को पटना में नीतीश से बात करने को भेजा गया। लेकिन नीतीश ने चिराग को सभी पसंद की सीटों को देने से साफ मना कर दिया। संभवत: एनडीए में आखिरी पेंच सहयोगी दलों की ओर से पसंद की सीटों पर अटका हुआ है। चिराग के मुद्दे पर समझौते को लेकर पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मीटिंग कर चुके बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि रामविलास पासवान की तबियत खराब होने की वजह से समझौते में थोड़ी देरी हो रही है। वो होते तो अब तक बात बन जाती। उधर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और रविशंकर प्रसाद ने जल्द ही एनडीए में समझौता हो जाने की उम्मीद जताई है।
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