सीबीआई के पूर्व चीफ एवं हिमाचल के पूर्व डीजीपी अश्वनी कुमार ने शिमला में फंदा लगाकर की आत्महत्या


शिमला/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। नागालैंड के पूर्व राज्यपाल एवं सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्वनी कुमार ने आज शिमला के ब्रॉकहॉस्ट में स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली। अश्वनी कुमार हिमाचल प्रदेश के पूर्व डीजीपी भी रह चुके हैं और नागालैंड में राज्यपाल का पद छोड़ने के बाद वह शिमला के एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे हैं। अश्वनी कुमार ने एसपीजी सहित कई अन्य संगठनों में भी सेवाएं दीं।


पुलिस सूत्रों के मुताबिक अश्वनी कुमार ने आज अपने घर में फंदा लगाकर जान दी। उनका शव फंदे पर लटका मिला। इस घटना का पता चलते ही शिमला के डीसी अमित कश्यप और एसपी मोहित चावला दल-बल सहित अश्वनी कुमार के ब्रॉकहॉस्ट मकान पर पहुंचे हैं और मामले की जांच की जा रही है।


पुलिस को घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें अश्वनी कुमार ने लिखा है कि वह अपनी जिंदगी से तंग आ चुके हैं और परिवार पर बीमारी की हालत में बोझ नहीं बनना चाहते इसलिए आगे की यात्रा पर निकल रहे हैं।


जानकारी के मुताबिक अश्वनी कुमार डिप्रेशन के मरीज थे और मुम्बई के एक अस्पताल से इलाज करवा रहे थे। इसके अलावा उन्हें कोई और बीमारी नहीं थी। अश्वनी कुमार की उम्र 70 साल थी और वह सिरमौर जिला के रहने वाले थे।


शिमला में सीबीआई के पूर्व चीफ एवं हिमाचल के पूर्व डीजीपी अश्वनी कुमार के घर के बाहर खड़े पुलिस अधिकारी।-एजेंसी
मार्च 2013 में बने थे नागालैंड के राज्यपाल


अश्वनी कुमार मार्च 2013 में नागालैंड के राज्यपाल बने थे। हालांकि उन्होंने वर्ष 2014 में ही इस पद से इस्तीफा दे दिया था। अश्वनी कुमार सीबीआई के ऐसे पहले निदेशक रहे जिन्हें बाद में केंद्र सरकार ने राज्यपाल बनाया। वह 2008 से 2010 के बीच सीबीआई निदेशक थे। अश्वनी कुमार हाल ही में मुम्बई से लौटे थे और शिमला में अपने बेटे व बहू के साथ ब्रॉकहास्ट में रह रहे थे। एसपी शिमला मोहित चावला ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि अश्वनी कुमार द्वारा आत्महत्या करना सभी के लिए दुखद है क्योंकि वह पुलिस बल के लिए एक रोलमॉडल थे। आईजीएमसी शिमला से भी फारेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम मौके पर मामले की छानबीन कर रही है।


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