सतना/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए मध्य प्रदेश का वीर सपूत धीरेंद्र त्रिपाठी का आज उनके पैतृक गांव पड़िया में किया गया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान अपने मंत्रियों के साथ जवान को अंतिम विदाई देने के लिए उसके घर पहुंचे। जहां उन्होंने शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी और 1 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया।
शहीद धीरेंद्र का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह गांव में प्रवेश किया तो लोगों ने 'शहीद धीरेंद्र अमर रहे' के नारे और भारत माता की जय के नारे लगाएं। वहीं पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंचा तो परिजन अपने लाल को ताबूत में देखकर बिलख पड़े। मां और पत्नी जोर-जोर से दहाड़े मारकर रोने लगे।
शहीद धीरेंद्र का पार्थिव शरीर लखनऊ से मंगलवार को शाम 6 बजे सड़क मार्ग से रवाना हुआ रात 2 बजे लगभग सतना पहुंचा, यहां से आज सुबह 6 बजे सीआरपीएफ के जवान धीरेंद्र के पार्थिव शरीर को उनके गांव लेकर पहुंचे थे।
तिरंगे में लिपटे शहीद जवान धीरेंद्र त्रिपाठी के पार्थिव शरीर को लेकर आए सीआरपीएफ के जवानों और पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर से सलामी दी।
जवान धीरेंद्र त्रिपाठी के पिता कमलेश त्रिपाठी भी सीआरपीएफ में हैं जो बालाघाट में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को शाम फोन पर उनको बेटे के शहीद होने की खबर मिली थी। साथ ही बताया कि धीरेंद्र मार्च के महीने में छुट्टी पर घर आया था, वह जल्दी ही आने वाला था, लेकिन उससे पहले ही उसकी शहादत की खबर आ गई।
पुलवामा में सोमवार को सीआरपीएफ की 110 बटालियन ओपनिंग ड्यूटी (आरओपी) पर तैनात थे। उसी दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए थे। इनमें जवान धीरेंद्र त्रिपाठी भी शामिल था।
धीरेंद्र की शादी करीब सात साल पहले रीवा जिले के कर्चलियान में हुई थी। जवान का एक तीन साल का बेटा भी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद को श्रद्धा निधि भेंट करन के साथ कहा कि भारत माता के सच्चे सपूत पर हम सभी प्रदेशवासियों को गर्व है। अमर शहीद धीरेंद्र त्रिपाठी हम सभी की स्मृतियों में जीवित रहें, इसके लिए हम जवान के नाम पर एक संस्थान का नाम भी रखेंगे। शहीद धीरेंद्र जी की पत्नी, मेरी बहन अब सिर्फ पड़िया की बेटी नहीं, पूरे मध्यप्रदेश की बेटी है।
शहीद को अंतिम विदाई के दौरान जवान के बेटे को गोद में रखे खड़े रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान।
पत्नी को तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि जल्द आने का कहकर गए धर्मेन्द्र सच में लौटे तो जल्द ही लेकिन इस तरह।
वीर सपूत शहीद धीरेंद्र त्रिपाठी के दो साल के बेटे ने अपने पिता को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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