जबलपुर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कोरोना संक्रमण के प्रसार पर रोकथाम के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने राज्य शासन के गृह विभाग के निर्देशानुसार आज शनिवार 20 मार्च की रात 10 बजे से सोमवार 22 मार्च की सुबह 6 बजे तक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर लॉकडाउन घोषित कर दिया है। जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी यह आदेश प्रत्येक शनिवार की रात 10 बजे से सोमवार की सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है लॉकडाउन की अवधि के दौरान सभी दैनिक गतिविधियां, सभी निजी एवं शासकीय संस्थायें, दुकान, होटल, प्रतिष्ठान, जिम स्पोट्र्स काम्पलेक्स, स्विमिंग पूल एवं समस्त प्रकार की सामान्य आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। प्रतिबंधात्मक आदेश में यह भी साफ किया गया है कि दूध एवं केमिस्ट की दुकान तथा अस्पतालों को छोड़कर सभी प्रकार के खुदरा एवं थोक दुकानें, सभी मार्केट, क्लब, बगीचे, रेस्टारेंट, खानपान की दुकानें, मंडियां सहित सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
लॉकडाउन की अवधि में आवश्यक वस्तुओं के थोक परिवहन, औद्योगिक ईकाईयों एवं उसके श्रमिकों और कर्मियों, औद्योगिक कच्चे माल तथा उत्पाद के परिवहन, बीमार व्यक्तियों के परिवहन, बाहर से आने वाले ट्रक, डम्फरों को तथा एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड से आने एवं जाने की छूट रहेगी। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को भी छूट रहेगी। वे अपना फोटो पहचान पत्र एवं टिकिट दिखाकर आवाजाही कर सकेंगे।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में 31 मार्च 2021 तक निजी एवं शासकीय स्कूलों, कॉलेज, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं कोचिंग संस्थाओं में शिक्षण कार्य पर भी रोक लगाई गई है। सभी प्रकार की परीक्षायें जिसमें प्रतियोगी परीक्षायें भी शामिल हैं, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी। परीक्षार्थियों तथा परीक्षा कार्य में संलग्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आने-जाने में कोई अवरोध नहीं रहेगा। वे अपने एडमिट कार्ड एवं फोटो परिचय पत्र दिखाकर आवागमन कर सकेंगे।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। सभी कार्यपालिक दंडाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिये गये हैं। आदेश में कहा गया है कि इसका उल्लंघन करने वालों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सभी कानूनी प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।
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