बिहार: चार साल बाद भी नल में जल नहीं जिम्मेवार कौन...?

मठिया पंचायत का ऐसा वार्ड जिसे मुखिया अपना मानने से करते इंकार 

अशरफ आलम

केसरिया/पूर्वी चम्पारण/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। केसरिया प्रखंड के मठिया पंचायत में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल योजना में गड़बड़ी उजागर होने के बाद भी विभागीय अधिकारी लापरवाही बरत रहें हैं । यहां बता दें कि केसरिया प्रखंड के कई गांवों का भ्रमण कर जिला प्रशासन नल जल योजना की जांच की। सभी जनप्रतिनिधियों को सख्त हिदायत भी दी गई है कि हर हाल में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत नल जल का कार्य पूर्ण करना है।लेकिन आलम यह है कि मठिया पंचायत के वार्ड नं. -13 में विगत चार साल बीत गये और नल जल का पानी टंकी बनकर तैयार है। जो आधा अधूरा है। जिस पर महज एक टंकी पांच सौ लीटर की टंकी का लगाई गई है। जो लगभग 12 लाख 65 हजार का योजना बताया गया है। लेकिन गांव के ग्रामीणों को पानी का एक बूँद भी नहीं मिल पा रही है । इस संदर्भ में गांव के ग्रामीण महिला ने पंचायत के मुखिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे मुखिया का कहना है कि हम तो तुम लोगों को या तुम्हारे गांव को जानते भी नहीं हैं कहकर खरी खोटी सुना कर भगा देने का आरोप लगाया। सभी महिलाओं ने बताया कि बाढ़ के समय भी हम लोगों के साथ मुखिया ने सौतेला व्यवहार किया है। सालों बीत गये हम लोगों को एक आवास का भी लाभ नहीं मिला है। जल नल का पानी भी हम लोगों को नहीं मिल रहा। बिहार सरकार एक तरफ कहती है कि हर घर नल का जल हमने पहुंचा दिया है।अब हर खेत को पानी और हर हाथ को नौकरी देकर सत्ता पर काबिज हो गये हैं।बहरहाल, इस मठिया पंचायत की जनता बयांकर रही है कि किस तरह से मुख्यमंत्री का लाभकारी योजनाओं पर लुटेरों की नजर लगी और हम गांव ग्रामीण इस लाभकारी योजना से वंचित रह गये। मुखिया की मिलीभगत से इस योजना में लूट खसोट की गई। विदित हो कि अब मौका पंचायत चुनाव  का है तो कार्य मे तेजी लाई गई है। इसके बावजूद भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ। कहीं बिजली की समस्या, कहीं रिचार्ज की समस्या, कहीं चार साल बाद भी कार्य निर्माणाधीन है, तो कहीं पर निर्माण कार्य में घपला है। गौरतलब हो कि इस संदर्भ में वार्ड पार्षद संजू देवी ने बताई कि पाईप फूट जाने से पानी बह रहा था इसलिए पानी बंद कर दिया गया है। ऐसी कई समस्याओं और भ्रष्टाचार से भरी मठिया पंचायत में एक ही घर से दो जनप्रतिनिधि एक मुखिया तो दूसरा पैक्स अध्यक्ष के पद पर विराजमान अपने पंचायत को झोला भर भर के लूटने में लगे हैं। विभाग के आला अफसर इस मामले में चुप्पी साधे हैं।




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