इस्राइल में धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ में 44 लोगों की मौत, 100 से अधिक लोग घायल

यरुशलम में शवों को रखते हुए सुरक्षा अधिकारी और बचाव दल। 

यरुशलम/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। उत्तरी इस्राइल में यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान शुक्रवार तड़के भगदड़ मचने से कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई है तथा 100 से अधिक लोग घायल हो गए। माउंट मेरोन में वार्षिक धार्मिक आयोजन लाग बी'ओमर में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। इस दौरान पूरी रात अलाव जलाया जाता है, प्रार्थनाएं होती हैं और नृत्य का आयोजन होता है। इसी शहर में दूसरी सदी के संत रब्बी शिमोन बार योचाई का मकबरा है और इसे यहूदियों के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कुछ लोगों के सीढ़ियों से फिसलकर गिरने के कारण भगदड़ मची, जिससे कई लोग एक के ऊपर एक गिरते गये। इस्राइल की राष्ट्रीय आपात सेवा मेगन डेविड एडम (एमडीए) ने बताया कि घटना में करीब 44 लोगों की मौत हुई है और 103 लोग भगदड़ में घायल हुए हैं। एमडीए ने बताया कि करीब 44 लोगों की हालत नाजुक है और घटनास्थल से घायलों को निकालने के लिए कई एंबुलेंस और 6 हेलीकॉप्टर मंगाए गए हैं।

देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘‘बड़ी त्रासदी'' बताते हुए हर किसी से पीड़ितों के लिए प्रार्थना करने की अपील की है। घटनास्थल के पास ही एक अस्पताल बनाया गया है। इस्राइल पुलिस और इस्राइल की सेना (आईडीएफ) के जवान घायलों को निकालने और भीड़ को हटाने के काम में जुटे हैं। घटना के बाद रब्बी शिमोन बार योचाई के मकबरे में घुसने का प्रयास कर रहे लोगों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। 

आयोजकों का अनुमान है कि बृहस्पतिवार रात करीब एक लाख लोग आयोजन स्थल पहुंचे थे और कई लोग शुक्रवार को आने वाले थे। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने राहत एवं बचाव अधिकारियों से घटनास्थल पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने को कहा है।

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