पटना/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। बिहार की राजधानी पटना के पुनपुन थाना क्षेत्र के अलाउद्दीनचक गांव में कोरोना से बचाव के लिए अपने चार बच्चों को झोपड़ीनुमा घर में बंद कर माता-पिता खेत में काम करने चले गये। इस दौरान अचानक झोपड़ी में आग लगने से चार बच्चे जिंदा जल गये। चारों ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर अलाउद्दीनचक गांव में मातम पसर गया है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
बताया गया है कि पासवान बिरादरी का एक परिवार अलाउद्दीनचक गांव में झोपड़ीनुमा मकान में रहता है। घर में तीन बेटा और एक बेटी थी। बेटी 12 वर्ष जबकि तीन बेटे 5 से 8 साल तक के थे। गांव में कोरोना पांव पसार चुका है। कई लोग संक्रमित हैं। ऐसे में अपने बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए खेत पर जाते समय परिजन उन्हें झोपड़ीनुमा घर में बंद कर चले गये। इसके कुछ ही देर बाद झोपड़ी में आग लग गई।
आग की लपटों को देखकर जब तक गांव के लोग शोर मचाते मौके पर पहुंचे, देर हो चुकी थी। चारों बच्चे झोपड़ी के अंदर झुलसकर दम तोड़ चुके थे। उनका चेहरा तक पहचान में नहीं आ रहा था। अगलगी की इस घटना में झोपड़ी में रखी संपत्ति भी जलकर नष्ट हो गई। ऐसे में जहां पीड़ित परिजनों की गोद सूनी हो गई है। वे खुले आसमान के नीचे आ गये हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुनपुन थाने की पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पटना के पुनपुन में आग से झुलसकर हुई 4 बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मर्माहत हैं। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। साथ ही पीड़ित परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया है।
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