इंदौर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को तीन आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया और उन्हें इसके तहत जेल में बंद रखने का आदेश दिया। इनमें एक डॉक्टर और एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव शामिल हैं। पुलिस की एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राजेंद्र नगर थाने की प्रभारी अमृता सोलंकी ने बताया कि पुलिस को 17 अप्रैल को मिली शिकायत पर नीलेश चौहान नामक व्यक्ति को रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि चौहान से पूछताछ में मिले सुरागों के आधार पर एक दवा कम्पनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव शुभम परमार और एक निजी अस्पताल के डॉक्टर भूपेंद्र परमार को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रशासन ने तीनों आरोपियों को रासुका के तहत जेल में बंद रखने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 94,549 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,069 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
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