बिहार : खून की 'होली' पर नीतीश सरकार पर आरोपों के छींटे

नीरज बबलू-ज्ञानेंद्र ज्ञानू ने कहा, निकम्मी पुलिस की वजह से मधुबनी में हुआ नरसंहार

मधुबनी में एक ही परिवार के भाइयों की हत्या के बाद एक साथ हुए अंतिम संस्कार के समय ली गई उनके बच्चों की तस्वीर।

रिपोर्टर सतीश मिश्रा

मधुबनी/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। मधुबनी के बेनीपट्टी में एक ही परिवार के पांच भाइयों की हत्या ने बिहार की राजनीति को गरमा दिया है। बात यहां तक पहुंच गई कि बिहार सरकार में मंत्री व सत्ता पक्ष के विधायक तक प्रशासन पर सवाल उठाने लगे। मंत्री नीरज कुमार बबलू और विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने इस घटना को नरसंहार बता दिया है। दोनों नेताओं ने पुलिस को निकम्मा करार देते हुए CM नीतीश कुमार से हत्याकांड के आरोपियों के साथ पुलिस पर भी कार्रवाई करने की मांग की है। दोनों नेता BJP से हैं और इनके द्वारा लॉ एंड आर्डर पर सवाल उठाए जाने के बाद विपक्ष भी 'बिहार में जंगलराज' की बात दुहराने लगा है। इसी बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह ने कहा है कि बिहार में नरसंहार की बात पुरानी हो गई है। मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा मिलेगी।

क्या हुआ था मधुबनी में

बीते सोमवार को होली के दिन मधुबनी के बेनीपट्टी के महमदपुर गांव में यह हत्याकांड हुआ था। इसमें एक पक्ष के 10-12 लोगों ने दूसरे पक्ष के लोगों पर दिनदहाड़े गोलियां बरसा दी। इस घटना में दूसरे पक्ष के तीन लोगों की मौत घटनास्थल से अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गई थी। तीन और घायलों में एक की मौत अगले दिन मंगलवार देर शाम पटना में हुई। पटना में ही इलाजरत एक अन्य व्यक्ति की भी मौत की बात कही जा रही है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। एक अन्य घायल का दरभंगा के DMCH में इलाज चल रहा है। सभी मृतक और एक घायल आपस में भाई हैं। पीड़ित पक्ष के तीन सहोदर भाई और उनके दो चचेरे भाई की मौत हो चुकी है।

कौन-कौन हैं मृतक

इस हत्याकांड में गोलीबारी के दिन ही दो सहोदर भाई रणविजय सिंह और वीरेंदर उर्फ वीरू सिंह (दोनों की उम्र 40 के करीब) की मौत हो गई थी। साथ में चचेरे भाई राणा प्रताप सिंह (42 वर्ष) की भी मौत हो गई। रणविजय सिंह के एक और सहोदर भाई अमरेंद्र सिंह (33 वर्ष) की मौत मंगलवार देर शाम पटना में हुई। राणा प्रताप सिंह के सहोदर भाई रूद्र नारायण सिंह की भी मौत होने की बात कही जा रही है। इनके एक और भाई मनोज सिंह अभी DMCH में नाजुक हाल में भर्ती हैं।

क्या कह रहे हैं बिहार के नेता

एक ही परिवार के इन भाइयों की हत्या के मामले में अब सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी कानून-व्यवस्था पर बोलना शुरू कर दिया। मधुबनी में पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद मंत्री नीरज सिंह बबलू ने कहा कि यह घटना नहीं, नरसंहार है। पुलिस के निकम्मापन की वजह से ऐसा हुआ है। इसलिए पुलिस पर कार्रवाई होनी चाहिए। इतनी बड़ी घटना हुई है। हम मुख्यमंत्री से बात कर दोषी पर कार्रवाई और पीड़ितों को अधिक से अधिक मुआवजा दिलाने की कोशिश करेंगे।

भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि आज पुलिस सिर्फ शराब पकड़ने और पैसा कमाने में लगी है। दूसरे अपराधों को रोकने के लिए उनके पास टाइम नहीं है। मधुबनी की घटना इसका उदाहरण है, जिसमें एक ही जाति के छह लोगों की हत्या कर दी गई। समय आ गया है कि पुलिस को शराब पकड़ने के काम से मुक्त किया जाए, ताकि वह दूसरे अपराधों को रोकने का काम कर सके। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से सजा दिलाने की मांग की।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि इस हत्याकांड में सत्ता संरक्षित लोग शामिल हैं। इन्हीं बेख़ौफ अपराधियों ने होली के दिन एक ही परिवार के 5 लोगों का जघन्य नरसंहार किया। नीतीश-भाजपा सरकार बताए कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं कि वो जब मर्ज़ी, जहां मर्ज़ी पूरे परिवार का नरसंहार कर देते हैं?

राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि मधुबनी की घटना में मुख्यमंत्री की चुप्पी साबित करती है कि अब स्थिति उनके नियंत्रण से बाहर है। उन्होंने नीरज कुमार बबलू और सत्ता पक्ष के अन्य नेताओं के बयान पर कहा कि मुख्यमंत्री की अंतरात्मा कभी नहीं जगती है लेकिन उनके मंत्री भी इंसान हैे। उनकी अंतरात्मा जाग गई है। वह जान गए हैं कि बिहार में अपराध किस तरह कायम है और उसे रोकने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम है।

हत्याकांड में कौन लोग हैं आरोपी

महमदपुर में हुए इस हत्याकांड की वजह मछली पालन से जुड़ी है। मृतक सहोदर भाइयों के पिता सुरेंद्र सिंह खुद अवकाश प्राप्त फौजी हैं। उनके अनुसार गांव के ही एक पोखर में मछली मारने को लेकर बगल के गैवीपुर गांव के प्रवीण झा और नवीन झा से विवाद चल रहा था। इस पोखर को उन्होंने लीज पर लिया है। इसमें दूसरे लोग भी मछली मार लेते थे। इसी बात पर नवंबर 2020 में भी उनके बड़े बेटे संजय सिंह और प्रवीण झा के बीच झगड़ा हो चुका है। इस विवाद में संजय सिंह अभी भी जेल में हैं। हत्याकांड के बाद प्रवीण झा और नवीन झा समेत 35 लोगों पर नामजद FIR हुई है। पुलिस इस मामले में दो नामजद समेत 11 को अरेस्ट कर चुकी है। हालांकि मुख्य आरोपी प्रवीण झा, नवीन झा और भोला सिंह अभी भी फरार हैं।

जातीय संघर्ष नहीं, आपसी रंजिश : दरभंगा IG

दरभंगा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) अजिताभ कुमार ने भी महमदपुर गांव का दौरा कर पीड़ित परिवार से मुलाकात की है। उनका कहना है कि यह हत्याकांड दो जातियों के बीच संघर्ष का मामला नहीं, बल्कि दो गुटों के बीच के आपसी रंजिश का है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में जयनगर के ASP शौर्य सुमन व बेनीपट्टी के DSP अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में आरोपितों की गिरफ़्तारी के लिए सात थानेदारों समेत पुलिस कर्मियों की 3 टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों के द्वारा मंगलवार की रात से लेकर बुधवार तक 4 दर्जन स्थानों पर छापेमारी की गई है। घटना के दिन ही आठ लोगों को अरेस्ट किया गया था। बुधवार को 3 और गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने पूछताछ के लिए आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।


Post a Comment

और नया पुराने