पटना/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कई कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद उनके परिजन भी अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हो रहे हैं। हालांकि कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोरोना के बेकाबू होते संक्रमण के बीच धर्म और जाति से ऊपर उठकर इंसानियत को जिंदा रखा है। बिहार में एक महिला की मौत के बाद परिवार के लोगों ने कोरोना संक्रमण के डर की वजह से अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। जिसके बाद पड़ोस के कुछ मुस्लिम युवकों ने मृत महिला को कंधा दिया और उसका अंतिम संस्कार किया।
बिहार के गया जिले के रानीगंज इलाके की रहने वाली 58 वर्षीय महिला प्रभावती देवी काफी दिनों से बीमार चल रही थी। तबीयत ज्यादा ख़राब होने के कारण स्थानीय डॉक्टरों ने उक्त महिला को कोरोना जांच कराने के लिए कहा। जांच के बाद महिला की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। हालांकि रिपोर्ट आने के कुछ ही देर बाद महिला की मौत हो गई।
महिला की मौत होने के बाद उसके पति और बेटों ने कोरोना संक्रमण के डर से उसे हाथ तक नहीं लगाया। यहां तक कि महिला के कोई परिजन भी अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आए। जिसकी वजह से महिला का शव करीब 4 घंटे तक गाड़ी में ही पड़ा रहा। रानीगंज इलाके के मुस्लिम परिवारों को जब इसकी सूचना मिली तो उन लोगों ने खुद से महिला का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया।
मुस्लिम युवकों ने खुद ही आपस में मिलकर महिला के लिए अर्थी तैयार की और उसको कंधा भी दिया। मुस्लिम युवकों ने महिला का अंतिम संस्कार पूरे हिंदू विधि विधान के साथ किया।
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