बिहार : सूख गए चापाकल, एक-डेढ़ किलोमीटर से पानी भर कर ला रहीं महिलाएं, पुरुष और बच्चे


रिपोर्टर सतीश मिश्रा 

मुजफ्फरपुर/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। जिले के सकरा प्रखंड का मालपुर मलंग चाैक के तारा पंप पर महिलाएं, पुरुषों के साथ ही बच्चों काे भी बाल्टी-डब्बा लिए कतार में देखा जा सकता है। ये सभी एक-डेढ़ किलोमीटर दूर हजरतपुर और आसपास के गांवों के हैं। सभी यहां चापाकल से पीने का पानी भरने पहुंचे हैं। दाे से तीन घंटे लाइन में रहने के बाद बारी आने पर इन्हें अधिकतम दाे बाल्टी पानी मिलेगा। कतार में खड़ी शांति देवी और इमरती देवी बताती हैं कि गांव के सभी चापाकल सूख चुके हैं। नल जल योजना का पाइप भी नहीं लगा है। समस्या जटिल है।

पिछले साल मई में ऐसी स्थिति आई थी। इस बार मार्च अंत से ही हालात बदतर हैं। भू-जल स्तर 30 फीट नीचे जा चुका है। पानी के लिए मालपुर, इटहां, चकराबे मनियारी, रसूलपुर मनियारी, मिश्राैलिया, मूरा, हरलाेचनपुर, मकसूदनपुर और आसपास के अधिकतर गांवों में भी हाहाकार मचा है। अधिकतर चापाकल सूख चुके हैं। इलाके में केवल सबमर्सिबल पंप ही पानी खींच पाता है। जिन गांवों में नल जल योजना पूरी हाे चुकी, वहां सुकून जरूर है। पर, खेताें में पटवन के लिए इलाके में लाेगाें ने 15 से 20 फीट गहरा गड्ढा खाेद कर मोटर लगाया है।

इटहां से नल-जल याेजना शुरू हुई, बगल का चकहरजत अछूता

इटहां से ही मुख्यमंत्री ने राज्य में नल जल योजना की शुरुआत की थी। इसी से सटी मिश्राैलिया पंचायत में चकहरजत है। पिछड़ी/अतिपिछ़ड़ी जाति के 160 परिवारों की इस बस्ती में नल जल योजना का अब तक पाइप भी नहीं लगा है। लाेग अपने बूते एक लाख तक रुपए खर्च कर सबमर्सिबल बाेरिंग नहीं करा सकते। स्थानीय मुकेश कुमार ने बताया कि गांव में नल जल योजना का पाइप लगे इसके लिए कई बार प्रखंड से जिला तक में अधिकारियों काे अर्जी दी। नतीजा शून्य ही रहा।

इलाके में बिना रोक टोक बिक रही ताड़ी

इलाके में पानी बिना लाेगाें का हलक सूख रहा है। फसलें खराब हाे रही हैं। उसी इलाके में ताड़ी-दारू बिकती है। नशेड़ियाें का गला तर है। मालपुर, इटहां, चकराबे मनियारी, मिश्राैलिया में चाैक-चाैराहाें पर बनी झाेपड़ियों में खुलेआम ताड़ी-शराब पीते लाेग दिखते हैं। इसके लिए इलाका बदनाम है। कई बार उत्पाद विभाग और पुलिस टीमें ट्रकों पर लदी शराब जब्त कर चुकी हैं। बबुआ और धन्ना सेठ समेत कई शराब माफियाओं काे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। फिर धंधा परवान चढ़ रहा है। चकराबे मनियारी में ही शराब माफियाओं ने सकरा पुलिस पर हमला कर दिया था। इटहां की एक महिला बताती है- यहां पानी मिले या नहीं, अधिकतर दुकानों में शराब मिल जाएगी। शहर से मजदूरी कर लाैटे लाेग झोपड़ियों में ताड़ी पीते या नशे में झूमते मिलेंगे।

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