बिहार : पंचायत चुनावों में सरकारी बॉडीगार्ड के साथ वोटिंग के लिए जा सकेंगे मंत्री-विधायक

ईवीएम की उपलब्धता के बाद ही होगी तारीख की घोषणा 


रिपोर्टर सतीश मिश्रा 

पटना/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। पंचायत चुनाव के दौरान मंत्री, सांसद और विधायक अपने सरकारी बॉडीगार्ड के साथ वोटिंग के लिए जा सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की यात्रा को लेकर आदर्श आचार संहिता से संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। आयोग ने कहा है कि मतदाता के रूप में मतदान के लिए जाने के लिए मंत्रियों, सांसदों या विधायकों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से प्रतिनियुक्त सशस्त्र बल का वे इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि, प्रतिनियुक्त अंगरक्षक व सशस्त्र बल मतदान केंद्र परिसर में प्रवेश नहीं करेंगे, बल्कि मतदान केंद्र परिसर के बाहर मंत्री, सांसद और विधायक की वापसी का इंतजार करेंगे।

सरकारी व चुनावी यात्रा साथ हाेने पर सरकारी वाहनाें का नहीं होगा उपयाेग : 

आयोग ने यह भी कहा है कि केंद्र या राज्य सरकार के मंत्रियों द्वारा की जाने वाली सरकारी यात्रा और चुनावी यात्रा बिल्कुल अलग-अलग होगी। दोनों यात्राएं एक साथ नहीं की जाएंगी। यदि केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के मंत्री जिला मुख्यालय या क्षेत्रीय स्तर के अन्य कार्यालयों तक सरकारी कार्यों के सिलसिले में दौरे पर जाने के लिए सरकारी वाहनों का उपयोग करते हैं और उसके बाद चुनाव कार्य के लिए स्थानीय दौरा किसी निजी वाहन से करते हों तो पूरे दौरा को चुनाव कार्य के लिए ही संपन्न किया गया माना जाएगा। यानी किसी भी परिस्थिति में सरकारी यात्रा तथा चुनाव के लिए यात्रा एक ही साथ करने के लिए सरकारी वाहनों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि राज्य में पंचायत का चुनाव होना है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की अनुपलब्धता के कारण राज्य निर्वाचन आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है।

कम्युनिकेशन शैडो जोन वाले मतदान केंद्रों की पहचान कर दें रिपोर्ट

पंचायत चुनाव के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलों से कम्युनिकेशन शैडो जोन वाले मतदान केंद्रों की पहचान करने का निर्देश दिया है। साथ ही जिलों से ऐसे मतदान केंद्रों को चिन्हित कर उनकी रिपोर्ट आयोग को भेजने का निर्देश दिया है। आयोग ने इस बाबत 7 जिलों अररिया, पश्चिम चंपारण, बांका, गया, जमुई, कैमूर एवं किशनगंज के जिला निर्वाचन पदाधिकारी पंचायत को पत्र लिखकर 10 अप्रैल तक हर हाल में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आयोग ने पहले भी सभी जिलों से कम्युनिकेशन शैडो जोन वाले मतदान केंद्रों की पहचान कर 25 मार्च तक रिपोर्ट भेजने को कहा था। इसके बावजूद अररिया, पश्चिम चंपारण, बांका और गया जिले से रिपोर्ट नही आई थी। कुछ अन्य जिलों ने जो रिपोर्ट भेजी थी वह भी पूरी नहीं थी। आयोग ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग चाहता है कि चुनाव के दौरान सभी मतदान केंद्रों पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध रहे।

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