पटना/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। लालू प्रसाद को जमानत मिल गई है। वे चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में सजायाफ्ता हैं और जेल काट रहे थे। उनको इन तीनों मामलों में जमानत मिल गई है। इसलिए वे जेल से रिहा हो गए हैं। हालांकि अभी उनका इलाज चल रहा है इसलिए अस्पताल से छुट्टी नहीं मिली है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वे पटना पहुंचेंगे। तभी सवाल है कि उनके पटना में रहने से किसको ज्यादा परेशानी होगी- भाजपा को या जदयू को ? लेकिन उससे पहले भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी जिस तरह के ट्विट कर रहे हैं उससे भाजपा की परेशानी जाहिर हो रही है। उन्होंने लालू प्रसाद को जमानत मिलते ही ऐसी भद्दी भाषा में और ऐसे अहंकार से भरे ट्विट किए, जिससे लगा कि वे काफी परेशान हैं। राजद के नेता शिवानंद तिवारी ने उनके ट्विट के लिए उनकी खूब लानत-मलानत भी की।
एक तरफ भाजपा परेशान है तो दूसरी ओर नीतीश कुमार चैन में दिख रहे हैं। उनको अपनी अनोखी स्थिति का पता है। उनके पास सिर्फ 44 विधायक हैं पर वे जानते हैं कि उनके बगैर न तो राजद की सरकार बन सकती है और न भाजपा की चल सकती है। सो, वे चैन से बैठे हैं। भाजपा की परेशानी इसलिए बढ़ी है क्योंकि लालू प्रसाद के पटना में होने से लालू प्रसाद और नीतीश के तार फिर जुड़ सकते हैं। भाजपा ने जिस तरह से विधानसभा चुनाव में लोजपा के चिराग पासवान को आगे करके नीतीश को निपटाया उससे वे खासे नाराज हैं।
दूसरी हकीकत यह है कि नीतीश कुमार की वार्ता तेजस्वी यादव से नहीं हो सकती है पर लालू प्रसाद के साथ उनका संपर्क बहाल हो सकता है। उनकी सेहत के बहाने भी बातचीत शुरू हो सकती है। इसलिए भाजपा के नेता किसी हाल में इस परिघटना को रोकने का प्रयास करेंगे। इसके लिए अगर लालू प्रसाद को दूर रखना हो तो वह भी किया जाएगा। अभी चारा घोटाले से जुड़ा एक और मामला है, जिसकी सुनवाई नहीं शुरू हुई है।
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