बिहार : रोड नहीं तो वोट नहीं के लगे नारे, दो दशक बाद भी सड़क नहीं बनी, जिम्मेवार कौन


रिपोर्टर अशरफ आलम 

केसरिया/पूर्वी चम्पारण/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। केसरिया प्रखंड के ताजपुर पटखौलिया पंचायत में  एक बस्ती के लिए आने-जाने कोई रास्ता नहीं है। ये सभी लोग इस बस्ती में लगभग बीस साल से रहते हैं। इस गांव में लगभग 200 से 300 लोगों की यह बस्ती है। जहां सड़क ही नहीं है। बस्ती के आक्रोशित ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे लगा विरोध जताया। जानकारी के अनुसार बस्ती से निकलने वाला रास्ता दो समुदायों को जमीन पर एक पगडंडी जैसी कच्ची सड़क का निर्माण किया गया है। जो बाढ़ आने पर पानी में डूब जाती है। इससे बस्ती वालों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसको लेकर दो दशक बीत गए लेकिन सड़क नहीं बनी है। एक तरफ बिहार सरकार कहती हैं कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर गांव व कस्बे में गली नाली का निर्माण करने का प्रावधान है। लगभग सभी जगह इसकी कार्य पूर्ण हो गई है। वहीं दूसरी तरफ पंचायत के मुखिया द्वारा सड़क बनाने की कोशिश नहीं की। जिसके कारण सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में मुखिया सूर्य पासवान ने बताया कि हमने अपने पंचायत में बहुत कार्य किया है। और जो कार्य अधूरा है अगर फिर मौका मिला तो उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे।


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