‘चुनाव आयोग की गाड़ी ख़राब, भाजपा की नीयत ख़राब, लोकतंत्र की हालत ख़राब!'

कांग्रेस ने उठाया सवाल, ईवीएम पर आशंकाएं दूर करे चुनाव आयोग

नई दिल्ली में अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में चुनाव अधिकािरयों से मिलकर आते कांग्रेस के नेता।

नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कांग्रेस ने असम में भाजपा के एक विधायक के वाहन से कथित तौर पर इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मिलने के बाद शुक्रवार को निर्वाचन आयोग को निशाने पर लिया और कहा कि इस मुद्दे पर आयोग को निर्णायक कदम उठाते हुए आशंकाओं को दूर करना चाहिए तथा सभी राष्ट्रीय दलों को ईवीएम के उपयोग का ‘गंभीर पुनर्मूल्यांकन' करने की जरूरत है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि अगर चुनाव आयोग मूक बना रहता है तो यह लोकतंत्र के लिए घातक होगा।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर उस वक्त निशाना साधा जब सोशल मीडिया में एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक निजी वाहन में ईवीएम रखे होने और यह वाहन भाजपा के एक विधायक का होने का दावा किया गया है। चुनाव आयोग ने इस मामले में पीठासीन अधिकारी और 3 अन्य अधिकारियों समेत 4 को निलंबित किया है। आयोग ने कहा,‘ईवीएम की सील हालांकि सही थी, लेकिन फिर भी रतबाड़ी (सु) एलएसी के मतदान केन्द्र संख्या-149 इंदिरा एमवी स्कूल में दोबारा मतदान कराने का फैसला किया गया है।’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले पर तंज कसते हुए ट्वीट किया,‘चुनाव आयोग की गाड़ी ख़राब, भाजपा की नीयत ख़राब, लोकतंत्र की हालत ख़राब!'

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया,‘क्या स्क्रिप्ट है? चुनाव आयोग की गाड़ी खराब हुई, तभी वहां एक गाड़ी प्रकट हुई। गाड़ी भाजपा के प्रत्याशी की निकली। मासूम चुनाव आयोग उसमें बैठ कर सवारी करता रहा। प्रिय चुनाव आयोग, माजरा क्या है? आप देश को इस पर कुछ सफाई दे सकते हैं? इससे पहले प्रियंका ने घटना से संबंधित कथित वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘जब भी निजी वाहन में ईवीएम ले जाये जाने के वीडियो सामने आते हैं तो ये चीजें आम होती हैं कि वाहन सामान्यत: भाजपा उम्मीदवारों या उनके सहयोगियों का होता है। इन वीडियो को इकलौती घटना के तौर पर लिया जाता है और खारिज कर दिया जाता है। भाजपा अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल कर उन लोगों को आरोपी बनाती है जिन्होंने इसका खुलासा किया होता है।'

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा,‘ईवीएम से जुड़ी जालसाजी हर तरफ देखने को मिलती है। असम में दूसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा विधायक कृष्णेंद्रु पॉल की 'कार में ईवीएम मिली।' क्या चुनाव आयोग को ईवीएम ले जाने के लिए भाजपा की जरूरत है?' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर चुनाव आयोग अब भी नहीं जागता है और खामोश बना रहा है या फिर ‘मिलीभगत' करता है तो यह लोकतंत्र के लिए घातक है।

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