बिहार : इलाज के नहीं मिला, मरीज ने स्ट्रेचर पर ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ा


रिपोर्टर सतीश मिश्रा 

बेतिया/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (GMCH), बेतिया में डॉक्टर के गायब रहने के कारण एक महिला को किसी ने नहीं देखा और इलाज न होने से उसने स्ट्रेचर पर ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) से रेफर के पुर्जे के साथ महिला पति चक्कर लगाते रह गए। महिला की मौत के बाद परिजन भड़क गए हैं और अस्पताल में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। मृतक सुभावती देवी के पति विजय कुमार यादव ने कहा कि पत्नी को इलाज न मिलने से मौत हो गई है। मैं अस्पताल में ही आत्मदाह करुंगा और इसके लिए अस्पताल के अधीक्षक और DM जिम्मेदार होंगे। इस घोषणा के साथ अस्पताल में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग पहुंच गए और हंगामा बचाने लगे। हंगामे की जानकारी सुन मॉर्निंग शिफ्ट के बाद वाले भी डॉक्टर GMCH नहीं पहुंचे, जिसके कारण दोपहर बाद 1 बजे तक इमरजेंसी सेवा ठप रही। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर परिजनों को लगभग घंटे भर समझाया, तो मामला कुछ शांत हुआ।


प्रसव के लिए दर-दर भटकी गर्भवती महिला।

महिला की मौत के बाद भी अस्पताल में ना तो अधीक्षक ना ही डॉक्टर पहुंचे। साढ़े 4 घंटे तक लगातार हंगामा होता रहा। इस दौरान इमरजेंसी सेवा ठप रही। मरीजों को दर-दर भटकना पड़ा। प्रसव कराने पहुंची कई महिलाओं को अस्पताल से लौटना पड़ा तो बुजुर्गों को भी इमरजेंसी में परेशानी हुई। सेनुवरिया निवासी माया कुंवर ने बताया कि मेरे पैर में गहरा जख्म है। इसलिए अस्पताल आई थी, लेकिन यहां अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं हैं। वहीं, बैरिया निवासी सलामून नेशा को सांस लेने में तकलीफ थी। उन्हें ऑक्सीजन और इलाज की तत्काल जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों को नहीं देख परिजन प्राइवेट अस्पताल लेकर उन्हें भागे। पश्चिमी करगहियां निवासी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि मेरी बेटी नीलम के सिर और पेट में दर्द हुआ, जिसके बाद उल्टी रुक नहीं रही है। बुधवार को उसे महिला मेडिकल वार्ड में भर्ती करवाया था। आज उसकी हालत खराब हो गई लेकिन डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे हैं।

इलाज के अभाव में गई सुभावती की जा

सुभावती देवी के सीने में सुबह-सुबह दर्द होने लगा तो विजय कुमार उनको लेकर चनपटिया PHC ले गए। वहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए उन्हें GMCH रेफर कर दिया। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सुभावती को भर्ती कराया गया। विजय पुर्जे के साथ कभी इधर तो कभी उधर डॉक्टर की आस में चक्कर काटते रह गए लेकिन ड्यूटी पर एक भी डॉक्टर नहीं मिले। इधर, सुभावती ने स्ट्रेचर पर ही दम तोड़ दिया।

अस्पताल प्रबंधन की लचर व्यवस्था पर बवाल

सुभावती की मौत के बाद परिजन और स्थानीय लोग आक्रोशित होकर बवाल मचाने लगे। हजारों की संख्या में लोग फिलहाल अस्पताल में हंगामा मचा रहे हैं। पुत्र अविनाश और काजल कुमारी ने बताया कि सुबह के 7:30 बजे हमलोग मम्मी को लेकर यहां आए थे। सुबह में कोई भी डॉक्टर नहीं थे। अस्पताल की लचर व्यवस्था और डॉक्टर के अभाव में मरीज की रोज जान जाती है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ता है।

आत्मदाह करुंगा, जिम्मेवार होंगे आलाधिकारी

पत्नी की मौत से विजय कुमार सदमे में हैं। उनकी आंखों के सामने सुभावती ने दम तोड़ दिया और वह कुछ नहीं कर सके। इसलिए वह आत्मदाह पर उतारू हैं। उन्होंने कहा- यहीं आत्मदाह करेंगे और इसके लिए अधीक्षक से लेकर DM जिम्मेदार होंगे।

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