पटना/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। यूपी के बाद अब बिहार के बक्सर में गंगा नदी में दर्जनों लाशें दिखाई देने से हड़कंप मचा है। कोरोना से मौत के बाद इन्हें गंगा में बहाने की आशंका से लोग दहशत में हैं। अधिकारी यूपी से लाशों के बहकर आने की बात कह रहे हैं। इससे पहले हमीरपुर और कानपुर में यमुना में कई लाशें दिखाई दी थीं।
बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के महादेवा घाट के पास सोमवार को लोगों ने घाट किनारे आधा दर्जन लाशों को एक साथ बहते हुए देखा। लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को दी। लोगों का कहना है कि कोरोना से मौत की संख्या बढ़ने के कारण लोग अंतिम संस्कार करने की बजाय गंगा में लाशों के प्रवाहित कर रहे हैं। कुछ लाशें किनारे लग गई हैं और कुछ आगे बह गई हैं। लाशों की स्थिति से लग रहा है कि कई सड़ी गली अवस्था में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लाशें यूपी की ओर से बहकर आ रही हैं। डीएम ने कहा कि 30 से 35 लाशों के किनारे लग जाने की जानकारी मिली है।
माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के दौरान शवदाह के महंगे खर्च से बचने के लिए लोगों ने लाशों को प्रवाहित करना शुरू कर दिया है। लोग मृत स्वजनों के शवों का जल प्रवाह कर दे रहे हैं। इससे कई तरह की संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।
बताया जा रहा है कि पिछले 1 सप्ताह के अंदर ही बक्सर के चौसा श्मशान घाट पर दर्जनों शव गंगा किनारे मिले हैं। जल-प्रवाह करने के बाद शव गंगा के किनारे आकर लग गए हैं। गिद्ध और कुत्ते शवों को नोच-नोच कर अपना आहार बना रहे हैं। इससे गंगा घाट किनारे का नजारा और भी वीभत्स हो गया है।
ग्रामीणों की मानें तो श्मशान घाट पर मिलने वाली लकड़ी और अंत्येष्टि की अन्य सामग्रियों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि के कारण लोग शवों के अंतिम संस्कार का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में पिछले कुछ महीनों से लोगों में शवों का जल प्रवाह करने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
सीओ ने श्मशान घाट का मुआयना किया और कार्रवाई की बात की है। बक्सर एसडीएम ने पूरी स्थिति को जाना और कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि शव गंगा नदी में कहीं और से आकर किनारे लग गए हैं। इसको डिस्पोजल करने की कार्रवाई की जा रही है।
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