मोदी सरकार के 7 साल : देश का आत्मविश्वास जागा - भाजपा, बेरोजगारी अपरम्पार, अर्थव्यवस्था का बंटाधार - कांग्रेस

 
कांग्रेस ने कसा तंज, भाजपा ने गिनायीं उपलब्धियां!
नई दिल्ली/अक्षरसत्ता/ऑनलाइन। केंद्र की मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार और भाजपा अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को सरकार के 7 साल पूरा होने पर दावा किया कि इस दौरान न सिर्फ देश का आत्मविश्वास जागा बल्कि गांव के गरीबों ओर वंचितों को पहली बार एहसास हुआ कि केंद्र में उनकी अपनी सरकार है। वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार को देश के लिए ‘हानिकारक’ बताया। कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि मोदी सरकार ने 7 साल में जो घाव दिये वे अब नासूर बन गए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि 7 सालों से बेरोजगारी अपरंपार है, कमरतोड़ महंगाई है, अर्थव्यवस्था का बंटाधार हो गया इसीलिए मोदी सरकार देश के लिए हानिकारक है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 7 सालों में हमने क्या खोया और क्या पाया...हमने खोई-लोकतंत्र की गरिमाएं, संवैधानिक संस्थाएं, शासन की मर्यादाएं, प्रधानमंत्री की संवेदनाएं और दर्द बांटने व वचन निभाने की मान्यताएं, हमने खोई इंसानियत और मानवता, आत्मनिर्भरता, वैश्विक मान।
 
सुरजेवाला ने कहा कि 7 साल में हमने क्या पाया... सिर्फ नफरत और बंटवारे का साया, झूठी नोटबंदी और जीएसटी की माया, फरेब और जुमलों की छाया, गंगा मैया में बहती हजारों लाशें, उन्नाव, प्रयागराज और कानपुर में मिट्टी के तले दबी सांसें, सरयू तट पर उतारी जा रही लाल चुन्नियां, श्मशान घाट की नई चुनी ऊंची ऊंची दीवारों के पीछे दहकती आग की चिमनियां. उन्होंने कहा कि क्या यह सब मेरी भारत मां के संस्कार और संस्कृति हो सकते हैं, नहीं!

कांग्रेस नेता ने जारी किया बयान- 7 साल, 7 आपराधिक भूल !

‘अर्थव्यवस्था' बनी ‘गर्त व्यवस्था'

2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो उसे विरासत में औसतन 8.1 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर मिली पर कोरोना महामारी से पहले ही मोदी सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के चलते जीडीपी की दर साल 2019-20 में गिरकर 4.2 प्रतिशत रह गई। 73 साल में पहली बार देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है।

बेइंतहा बेरोजगारी, बनी है महामारी

मोदी सरकार हर वर्ष 2 करोड़ रोज़गार देने का वादा कर सत्ता में आयी। सात साल में 14 करोड़ रोजगार देना तो दूर, देश में पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक चौतरफा बेरोजगारी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी (CMIE) के ताजे आंकड़ों के मुताबिक, देश में बेरोजगारी की दर डबल डिजिट का आंकड़ा पार कर 11.3 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है।

कमर तोड़ महंगाई की मार, चारों तरफ हाहाकार

खााद्य पदार्थों से लेकर तेल के भाव आसमान छू रहे हैं। इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण यह है कि कई प्रांतों में पेट्रोल 100 रुपया लीटर और सरसों का तेल 200 रुपया लीटर तक पार कर गया है।

किसानों पर अहंकारी सत्ता का प्रहार

आज़ाद भारत के इतिहास की पहली सरकार है जो न सिर्फ़ किसानों से उनकी रोज़ी रोटी छीन कर पूंजीपति दोस्तों का घर भरना चाहती है अपितु अन्नदाता भाइयों की प्रतिष्ठा भी धूमिल कर रही है, कभी उन पर लाठी डंडे बरसाती है, कभी उन्हें आतंकी बताती है, कभी राहों में कील और काँटे बिछाती है।

गरीब व मध्यम वर्ग पर मार

सुरजेवाला ने बयान में कहा कि विश्व बैंक की रिपोर्ट ने यह बताया कि भारत में यूपीए-कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ पाए. परंतु मोदी सरकार के 7 साल के बाद, पीईडब्ल्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले 2020 में देश के 3.20 करोड़ लोग अब मध्यम वर्ग की श्रेणी से ही बाहर हो गए। 23 करोड़ भारतीय एक बार फिर गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में शामिल हो गए।

महामारी की मार, निकम्मी व नाकारा सरकार

सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना महामारी के कुप्रबंधन के चलते देश में लाखों लोगों ने सिसक सिसक कर दम तोड़ दिया. हालांकि, मौत का सरकारी आंकड़ा 3,22,512 है, पर सच्चाई इससे कई गुना अधिक भयावह है। मोदी सरकार देश के प्रति जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाकर भाग खड़ी हुई। पूरे देश में ऑक्सीजन का गंभीर संकट है। देश के लोग रेमडिज़िविर के इंजेक्शन के लिए तिल तिल कर मरते रहे, पर मोदी सरकार ने 11 लाख से अधिक रेमडिज़िविर इंजेक्शन का निर्यात कर डाला।

राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश की संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। भाजपा सरकार चीन को लद्दाख में हमारी सीमा के अंदर किए गए अतिक्रमण से वापस नहीं धकेल पाई। चीन ने डेपसांग प्लेंस में भारतीय सीमा के अंदर एलएसी के पार वाई-जंक्शन तक कब्जा कर रखा है पर मोदी सरकार चुप है।

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