الصفحة الرئيسيةशिक्षा साहित्य कला संस्कृति बाल कविता : बचपन की सीख अक्षर सत्ता مايو 31, 2021 0 बचपन की सीखबचपन होता अलबेला, फिकर नहीं किसी बेला।पढ़ो-लिखो ऊंचा-कूदो, घर के अंदर खेलो लूडो।सीखो बच्चो प्यारी धुन, मम्मी-पापा की बात सुन।दादा-दादी की करना सेवा, पाओगे आशीष का मेवा।पढ़ लिखकर बनो महान, सेवा करना सारा जहान।- सूर्यदीप कुशवाहा
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