मध्य प्रदेश : दो महिलाओं के खिलाफ पाकिस्तान के लिए जासूसी का कोई सबूत नहीं मिला : पुलिस



इंदौर/मध्य प्रदेश/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। संदिग्ध पाकिस्तानी लोगों से ऑनलाइन संपर्कों के सुरागों के आधार पर करीब हफ्ते भर तक चली खुफिया जांच के बाद पुलिस के एक आला अधिकारी ने बुधवार को कहा कि इंदौर जिले के महू सैन्य छावनी क्षेत्र के पास रहने वाली दो महिलाओं को लेकर इस बात का कोई भी सबूत नहीं मिला है कि वे पड़ोसी देश के लिए जासूसी कर रही थीं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले में खुफिया जांच के तहत दोनों महिलाओं और एक पुरुष से लम्बी पूछताछ भी की गई। हालांकि, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।

अपराध निरोधक शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) गुरुप्रसाद पाराशर ने संवाददाताओं को बताया, "हमारी जांच में यह बात जरूर सामने आई है कि दोनों महिलाओं को संभवत: पाकिस्तान के कुछ लोगों द्वारा लगातार फोन कॉल किए जा रहे थे। लेकिन हमें अब तक इसका कोई सबूत नहीं मिला है कि वे महू सैन्य छावनी क्षेत्र में पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रही थीं।"

एएसपी ने बताया कि महू सैन्य क्षेत्र के पास गवली पलासिया गांव की दोनों महिलाओं की उम्र 25 से 30 साल के बीच की है। उन्होंने बताया कि संदिग्ध पाकिस्तानी लोगों से महिलाओं की पहचान एक वैवाहिक वेबसाइट के जरिये हुई थी और सोशल मीडिया चैट से प्रतीत होता है कि मामला प्रेम प्रसंग तक पहुंच गया था जो आगे चलकर शादी में भी तब्दील हो सकता था।

उन्होंने कहा, "संभवत: पाकिस्तान के लिए जासूसी कराने वाला कोई बड़ा गिरोह दोनों महिलाओं को अपने जाल में फंसाने की फिराक में था। लेकिन पुलिस ने तत्परता से कदम उठाते हुए उन्हें इस गिरोह के जाल में फंसने से बचा लिया है।"

एएसपी ने बताया की दोनों महिलाओं के बारे में तमाम तकनीकी सुरागों का बारीकी से परीक्षण किया गया और उनके बैंक खातों की भी जांच की गई।

उन्होंने बताया कि जांच के निष्कर्ष के आधार पर इन महिलाओं के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है।

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