मण्डला : ब्लैक फंगस के इन्फेक्शन को गंभीरता से लें - कलेक्टर



कलेक्टर हर्षिका सिंह ने ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के संबंध में ली बैठक 
रिपोर्टर विजय पटेल
मण्डला/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कलेक्टर हर्षिका सिंह ने ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के संबंध में बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के इन्फेक्शन को गंभीरता से लें। ब्लैक फंगस की पहचान के संबंध में प्रभावी प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का अमला भी ब्लैक फंगस के संबंध में जागरूक रहें। उन्होंने कहा कि जिन चिकित्सकों ने ब्लैक फंगस की रोकथाम के संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त किया है वे भी अपने अमले को प्रशिक्षित करें। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को भी लक्षण आधारित जानकारी प्रदान करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तत्काल मेडीकल कॉलेज रिफर करें। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड-19 के मरीजों का उपचार हो रहा है वहां ब्लैक फंगस के लक्षणों के संबंध में जानकारियों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित हो। जिले में विशेष अभियान चलाकर आमजनों को ब्लैक फंगस के संबंध में जागरूक करें एवं सतर्क रहने की समझाईश दें। 
श्रीमती सिंह ने बैठक में कोरोना संक्रमण एवं व्यवस्थाओं के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी कोविड वार्ड में ऑक्सीजन फ्लोमीटर तथा पीने के पानी संबंधी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो। इसी प्रकार स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित रखें। बैठक में सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह ने ब्लेक फंगस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी तथा ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जारी दिशा-निर्देशों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के इन्फेक्शन की समय पर पहचान एवं उपचार होने से रोगी व्यक्ति ठीक हो सकता है। बैठक में डॉ. तरुण अहिरवार एवं डॉ. साकेत ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) सामान्यतः मधुमेह से पीड़ित रोगी, पूर्व से उपचार ले रहे श्वसन तंत्र अथवा गुर्दे की बीमारी से पीड़ित रोगी, कैंसर या अंग प्रत्यारोपण के पश्चात इम्यूनोस्प्रेसिव उपचार ले रहे रोगी एवं ऐसे रोगी जो लंबे समय से स्टेरॉयड दवा तथा एंटिबायोटिक का उपयोग कर रहे हैं, में कोविड-19 संक्रमण उपरांत प्रतिरोधक क्षमता कम होने से ब्लैक फंगस के संक्रमण की संभावना ज्यादा रहती है। 
डॉ. विजय मिश्रा ने म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के नियंत्रण हेतु आवश्यक सावधानियां रखने हेतु सलाह देते हुये कहा है कि ऐसे कोविड पॉजिटिव मरीज ठीक होने के उपरांत जिन्हे मधुमेह की शिकायत है उन्हे अपना शुगर लेवल नियंत्रित रखना होगा। जिन रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श अनुसार स्टेरायड दिया जा रहा है साथ ही चिकित्सकीय परामर्श अनुरूप स्टेरायड दवाई के डोज को भी कम किया जाना चाहिये। एंटिबायोटिक का अनावश्यक एवं अनुचित उपयोग नही किया जाए। डॉक्टर सुनील यादव ने कहा कि ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान स्टेराईल/डिस्टिल्ड वॉटर का उपयोग हयूमिडीफायर (हवा में नमी के लिए) में किया जाए एवं नियमित रूप से यह पानी बदला जाए। अस्पताल में भर्ती कोविड-19 रोगियो में संक्रमण नियंत्रण हेतु मानक संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल का पालन किया जाए जिसमें ऑक्सीजन मॉस्क एवं डिस्पोजेबल्स का नियमित विसंक्रमण तथा यथोचित बदलाव सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. शाक्य, विजय मिश्रा, सभी बीएमओ तथा संबंधित उपस्थित थे।

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