الصفحة الرئيسيةशिक्षा साहित्य कला संस्कृति बाल कविता : कट्टो बिल्ली अक्षर सत्ता مايو 31, 2021 0 बाल कविता कट्टो बिल्लीकट्टो बिल्ली बड़ी चिबिल्ली सौ-सौ चूहे खाती,लार टपकती रहती टप-टप फिर भी बाज़ न आती।उस दिन दावत में मौसी ने जमकर माल उड़ाया,लगीं उल्टियां ढेरों गया डॉक्टर को बुलवाया।दो-दो लगे उसे इंजेक्शन कड़वी मिली दवाई,रोनी सूरत हुई याद तब नानी उसको आई।- घमंडीलाल अग्रवाल
إرسال تعليق