मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में सभी का सहयोग : सीएम चौहान



भोपाल/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सभी के सहयोग से प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ गया है और एक जून से प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ हो रही है।

चौहान ने ट्विटर में जारी एक वीडियो में कहा, ‘‘मंत्रिपरिषद के सभी साथियों, प्रदेश की जनता, सभी आपदा प्रबंधन समितियों, जन-प्रतिनिधियों के अथक प्रयासों, निरंतर सहयोग और कड़ी मेहनत से कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आया है।’’

उन्होंने इन समन्वित प्रयासों के लिए सभी का आभार माना।

चौहान ने कहा, ‘‘कोरोना के प्रकरण लगातार कम होते जा रहे हैं। मध्यप्रदेश कोरोना को नियंत्रित करने की स्थिति में आता जा रहा है। आज (मंगलवार को) 2,422 मामले आये जबकि स्वस्थ हुए व्यक्तियों की संख्या 7,373 है। स्वस्थ होने की दर लगातार बढ़ रही है और संक्रमण मुक्त होने की दर 92.68 प्रतिशत हो गया है।’’

उन्होंने कहा कि कल सोमवार को 15 जिलों आगर-मालवा, भिण्ड, अशोकनगर, अलीराजपुर, खण्डवा, बड़वानी, बुरहानपुर, मण्डला, झाबुआ, नरसिंहपुर, सिंगरौली, निवाड़ी, डिण्डौरी, शाजापुर, टीकमगढ़ में कोरोना के प्रकरण 10 से कम आए हैं। भिंड और आगर मालवा में तो मात्र एक-एक केस आया है।

चौहान ने कहा, ‘‘जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन समितियां लगातार इसी प्रकार कार्य करती रही तो 31 मई तक संपूर्ण प्रदेश में कोरोना के प्रकरण शून्य हो जाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 34 जिलों का संक्रमण दर भी पांच प्रतिशत या उससे कम रहा है। यह बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक जून से प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ हो रही है। पूरे प्रदेश में कोरोना की सघन जांच लगातार जारी रहेगी और कोविड देखभाल केन्द्र चलते रहेंगे। जांच में जो भी कोरोना प्रकरण आए उसका घर में पृथक-वास या कोविड देखभाल केन्द्र में इलाज सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही कान्टेंक्ट ट्रेसिंग कर अन्य प्रभावितों का आवश्यकतानुसार उपचार किया जाएगा। किसी भी कोरोना संक्रमित को सुपर स्प्रेडर नहीं बनने दिया जाएगा।’’

चौहान ने कहा कि प्रदेश को तीसरी लहर से बचाने के लिए आवश्यक रणनीति बनानी होगी। कोविड अनुकूल व्यवहार के अंतर्गत मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने और भीड़ नहीं लगाने जैसे नियमों को अपने व्यवहार का भाग बनाना होगा। इससे संक्रमण और कोरोना प्रभावितों की संख्या एकदम से नहीं बढ़ेगी। यह रणनीति समाज के सहयोग के बिना संभव नहीं है।

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