लोग साथ आते गए, कोरोना मददगारों का कारवां बनता गया



जबलपुर/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कोरोना महामारी के दौरान जब लोगों ने अपनों से ही दूरी बना ली है। तो लोग काफी अकेले हो गए हैं। अपनी परेशानी किसी से बता नहीं पा रहे हैं। ऐसे में संस्कारधानी के युवाओं ने फेसबुक पर कोरोना वॉरियर्स जबलपुर के नाम से न सिर्फ पेज बनाया बल्कि पीड़ितों की जानकारी लेकर उन तक हर संभव मदद पहुंचाने का साहस भी जुटाया है। एक से दो, दो से चार सदस्यों से बढ़ते-बढ़ते इस गुप्र में वर्तमान में आठ सैकड़ा से अधिक सक्रिय सदस्य हो गए हैं।

गुप्र के सदस्य पीड़ितों की जानकारी मिलते ही उनकी मदद के लिए सक्रिय हो जाते है और जब उनकी मदद पूरी हो जाती है तो बकायदा एक-दूसरे को यह जानकारी भी साझा कर रहे हैं। इससे लोगों में विश्वास बढ़ रहा है। प्लाज्मा, खून, ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पताल में भर्ती कराने की बात हो या फिर एम्बुलेंस मुहैया कराने की बात। हर तरह से मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं।

कोरोना वारियर्स जबलपुर के अजीत सिंह पवार ने बताया कि व्हाट्सएप मेसेज से एक दूसरे की सहायता करने से शुरू हुआ हमारा सफर आज एक बड़े स्वरूप में कोरोना वॉरियर्स जबलपुर के नाम से आम जन की मदद में दिन रात लगा हुआ है। एक अदना सा फेसबुक पेज आज अपने वॉरियर्स के प्रोफेशनल कार्यशैली से मरीजों और उनके परिवार का साथी बन गया है। हमारे वॉरियर्स, इन परिवारों के हर कदम पे साथ होते है। हमारे वारियर्स पहले फोन से ही परिवार की हिम्मत बढ़ाते है और उनकी समस्या को जान कर पारिवारिक सदस्य के रूप में जिम्मेदारी के साथ जुट जाते है।

वॉरियर्स गुप्र में स्टूडेंट, स्टार्ट अप फाउंडर्स, बिजनेसमैन, डॉक्टर, लॉयर्स, टैक एक्सपर्ट्स, पत्रकार, समाज सेवी भी सम्मिलित है। जिनको हमने कभी नहीं जोड़ा, वो स्वयं की प्रेरणा और सेवा भाव से जुड़ते गए। आज गुप्र के मेम्बर्स 16 से 22 घंटे आनलाइन रहते है ताकि जो हो सकें सहायता हो पाए। इतना ही नहीं वॉरियर्स ने यह भी ठाना है कि जब तक इस महामारी से निजात नहीं मिल जाती तब तक वह इसी तरह निस्वार्थ भाव से संस्कारधानीवासियों की सेवा में जुटे रहेंगे।

हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारे वॉरियर्स द्वारा अथक मेहनत से वेरिफाई की गई जानकारी है और उससे भी अधिक मरीज और उनके परिवार से भावनात्मक जुड़ाव है। हम अनवरीफाइड जानकारी बिना जांचे हर जगह पोस्ट नहीं करते रहते और सीधे पीड़ित परिवार से बात कर, वास्तविक मदद करने में विश्वास करते है। इस आपदा में कई बार हमारी हिम्मत टूटने लगती है और हताशा घेरने लगती है पर जब कोई स्वस्थ हो जाता है और उनके परिजनों की आवाज में जो खुशी होती है वो वापस से एक नई ऊर्जा भर देती है।

श्री पवार के मुताबिक गुप्र के सदस्यों ने न केवल मरीजों की सेवा का प्रयास किया बल्कि कुछ अस्पतालों की भी संसाधन जुटाने में सहायता की। जैसे सक्रिय सदस्य गजल राय के प्रयासों से नर्मदा हॉस्पिटल में आक्सीजन की व्यवस्था कराने से आज 15 आक्सीजन बेड का वार्ड आपरेशनल हो गया। हर एक वॉरियर के ऐसे ही कुछ न कुछ सुखद अनुभव है जो ऐसे कठिन समय में उनको बढ़ते रहने की शक्ति देते रहते है।

गुप्र की कोर टीम में न्यू पवार रेस्टोरेंट-पवार होटल के संचालक अजीत सिंह पवार, मैक्सिमा स्टील, फाउंडर से अंजली चौहान, लॉ स्टूडेंट निवेदिता तिवारी, ईशान सिंह पवार, हैंगआउट रेस्टोरेंट, फाउंडर से साकेत खन्ना, जबलपुर अनलॉक्ड, फाउंडर से आकाश नेमा आदि इसमें शामिल हैं।

इन वॉरियर्स को मदद करने के लिए हमारी एक रिसोर्स टीम बनाई गई है। जिसमें गुप्र मेम्बर्स को केसेस में हर तरह की सहायता प्रदान करती है। रिसोर्स टीम में पत्रकार अमित दिवेद्वी, पत्रकार शुभम् शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता गजल राय, डॉ सत्येन्द्र सोनी, डॉ सलिक जमाल, मैनेजिंग डायरेक्टर, टेरिटास सॉफ्टवेयर सुप्रीत तारे, संचालक, जबलपुर प्लाज्मा क्लब राहुल तिवारी, फाउंडर, जबलपुर फूडीज हृदेश रॉय शामिल है।

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