मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे राज्य में शुरू किया "मेरा गाँव कोरोना मुक्त" अभियान
लखनऊ/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नज़दीक आते देख राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार जहां अपनी गिरती छवि को सुधारने के लिए मैदान में उतर आयी है तो दूसरी ओर दशकों से हाशिये पर पहुंची कांग्रेस अपनी ज़मीन तलाशने में जुट गयी है। दोनों कोरोना से प्रभावित गांवों की ओर कूच कर रहे हैं ताकि ग्रामीण मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जा सके।
हालांकि समाजवादी पार्टी और बसपा अभी तक अपने अपने अभियान की शुरुआत नहीं कर सके हैं लेकिन उनकी तैयारियां जारी हैं। दरअसल, चिकित्सा सुविधाओं के अभाव, दवाईयों की कमी से जूझ रहे लोग सरकार से खासे नाराज़ हैं।
यूपी में भाजपा नेताओं में भी है सरकार को लेकर नाराजगी !
हैरानी की बात तो यह है कि भाजपा के तमाम नेता, विधायक और कार्यकर्ता भी योगी सरकार की कोरोना को लेकर कार्यशैली से इतने नाराज़ हैं कि वे खुले तौर पर आलोचना करने के साथ साथ केंद्र नेतृत्व को भी सचेत कर रहे हैं। अपने खिलाफ उफ़नते असंतोष को देख मुख्यमंत्री योगी ने "मेरा गाँव कोरोना मुक्त" अभियान पूरे प्रदेश में शुरू कर दिया है, जिसके जवाब में पहले से सड़कों पर उतरी कांग्रेस ने अब और आक्रामक ढंग से गाँव के कोरोना संक्रमित लोगों को दवाइयां, कोरोना किट, सूखा राशन, आदि की सुविधा देने का काम बड़े पैमाने पर शुरू किया है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी गाँव पर नियंत्रण बनाने के लिए ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों से सीधे बात करेंगे ताकि अपनी पकड़ को मज़बूत कर सकें। मुख्यमंत्री अपनी इस पहल में केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं की भी मदद ले रहे हैं।
प्रियंका गांधी हुईं सक्रिय
भाजपा की इस कोशिश के जवाब में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सक्रिय हो गयी हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और आराधना मिश्रा को दूसरे नेताओं को साथ लेकर गाँव-गाँव में संपर्क करने को कहा है। साथ ही बड़े पैमाने पर दिल्ली से लगभग 12 लाख मेडिकल किट सेवा सत्याग्रह श्रंखला के तहत उत्तर प्रदेश रवाना कर दी गई हैं
इसे लगभग 58000 ग्राम पंचायतों में वितरित किया जा रहा है। इन सभी पर प्रियंका की तस्वीर और सेवा सत्याग्रह लिखा हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने लोकमत से बातचीत करते हुए कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में 800 मेडिकल किट, सूखा राशन, आवश्यक दवाएं उन ग्रामीणों को उपलब्ध कराई जा रही हैं जो होम आइसोलेशन में हैं। जिन परिवारों में भोजन पकाने की सुविधा नहीं है उन्हें सेवा रसोइयों से भोजन भी दिया जा रहा है।
पार्टी ने प्रत्येक ब्लॉक के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं जिसकी मदद से संक्रमित व्यक्ति दवा और डाक्टर की मांग कर सकता है। इसकी पूर्ती के लिए डॉक्टरों का बड़ा दल, एम्बुलेंस आदि उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
पूरे प्रदेश में लगभग 15 लाख सैनिटिज़ेर भेजने की व्यवस्था की है ताकि गाँव सैनिटाइज़ किये जा सके। लल्लू के अनुसार अब तक 241000 परिवारों को यह सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है और यह सिलसिला जारी है ।
लल्लू ने आरोप लगाया कि सरकार दावा कर रही है कि वैक्सीन और दवाओं को कोई कमी नहीं है लेकिन सच यह है कि प्राइमरी हेल्थ सेंटर टूटे पड़े हैं, वहां न दवा है न डॉक्टर। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगाने का काम पूरी लापरवाही से हो रहा है, कुछ ज़िलों में तो एक ही व्यक्ति को दो अलग-अलग कंपनियों की डोज़ दे दी गयी हैं जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दोनों डोज़ एक साथ दे दी गयी।
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