रेमडेसिविर की कालाबाजारी : मेडिकल कॉलेज के तीन कर्मचारी व दवा विक्रेता गिरफ्तार


शहडोल/मप्र/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित रूप से कालाबाजारी करने के मामले में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल के तीन कर्मचारियों एवं एक दवा विक्रेता सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

सरकारी मेडिकल कॉलेज के जिन तीन कर्मचारियों को मंगलवार देर शाम गिरफ्तार किया गया ,उनमें एक लैब टेक्नीशियन, एक महिला नर्स एवं एक लैब अटेन्डेंट शामिल है । शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल प्रशासन ने इन तीनों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य ने बताया कि पुलिस को ऐसी सूचना मिली थी कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल में भर्ती मरीजों को दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कुछ लोगों द्वारा की जा रही है। इसके बाद पुलिस ने पुख्ता सूचना के बाद शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल के लैब टेक्नीशियन दीपक गुप्ता (23), उज्जवल द्विवेदी (30), नर्स सुषमा साहू (28) और दवा विक्रेता अमित मिश्रा (33) को गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने कहा कि आरोपियों के पास से छह रेमडेसिविर इन्जेक्शन , पांच मोबाइल एवं 6,49,480 रुपए नगद बरामद किया गया है।

वैश्य ने बताया कि ये लोग मेडिकल कॉलेज में भरती मरीजों को दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन दूसरे मरीजों को महंगे दामों में बेचा करते थे।

उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, मध्य प्रदेश ड्रग कंट्रोल अधिनियम और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

इसी बीच, शहडोल संभाग के आयुक्त राजीव शर्मा ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में संलिप्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल के कोविड वार्ड में पदस्थ लैब ट्रेक्नीशियन उज्जवल द्विवेदी, स्टाफ नर्स सुषमा साहू एवं लैब अटेन्डेंट दीपक गुप्ता की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं।

उन्होंने कहा कि द्विवेदी एवं साहू एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत थे, जबकि गुप्ता आउटसोर्स (यूडीएस) में कार्यरत था।

शर्मा ने बताया कि कोविड देखभाल वार्ड में कार्यरत स्टाफ नर्स के नर्सिंग की डिग्री के पंजीयन को निरस्त करने के लिए मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल को पत्र लिखा जाएगा। इसी प्रकार लैब ट्रैक्नीशियन और लैब अटेण्डेंट के पंजीयन को निरस्त करने के लिए मध्य प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल को भी पत्र लिखा जाएगा।

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