बिहार : शहाबुद्दीन की मौत पर जीतन राम मांझी ने उठाई न्यायिक जांच की मांग

फाइल फोटो

पटना/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। सीवान के पूर्व सांसद और राजद नेता शहाबुद्दीन की मौत को लेकर बिहार में राजनीति गरमा गई है। शहाबुद्दीन की दो दिन पहले दिल्ली के एक अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई थी। शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे थे। राजद के बाहुबली पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की मौत के बाद सियासत शुरू हो गई है। पूर्व बाहुबली सांसद की मौत पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं राजद विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव और जाप प्रमुख पप्पू यादव ने इसे हत्या करार दिया है। जबकि राज्य में सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के सहयोगी दल हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूर्व सांसद के मौत की न्यायिक जांच की मांग की है।

मांझी ने पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराए जाने का भी आग्रह किया है। मांझी ने ट्वीट कर यह आग्रह किया है। ऐसे में जानकार बताते हैं जीतनराम मांझी भी जानते हैं कि सजायाफ्ता कैदी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराने का प्रावधान नहीं है। वह भी शहाबुद्दीन जैसे शख्स का जिन पर 30 से अधिक संगीन मामले दर्ज हो। फिर भी अल्पसंख्यकों में अपनी पैठ बनाने के लिए मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह बड़ी मांग की है। 

उल्लेखनीय है कि डॉन से राजनेता बने राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का दिल्ली के एक अस्पताल में शनिवार को निधन हो गया था, जहां उनका कोरोना का इलाज चल रहा था। 53 वर्षीय बिहार के बाहुबली नेता 2004 के दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। उन्हें 2018 में तिहाड जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि राजद के कई बडे नेताओं ने कहा है कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद तिहाड़ जेल प्रशासन ने शहाबुद्दीन के इलाज में गंभीरता नहीं दिखाई।

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