कोलकाता/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के करीब दो सौ भाजपा कार्यकर्ता वापस तृणमूल कांग्रेस में लौट गए हैं। हालांकि तृणमूल में लौटने से पहले कार्यकर्ताओं ने खुद का शुद्धिकरण किया। इसके लिए उन्होंने अपना सिर मुंडवाया और गंगाजल छिड़कर प्रायश्चित किया। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब भाजपा से कार्यकर्ता तृणमूल कांग्रेस में लौटे हैं। चुनावी परिणाम आने के बाद से ही यह सिलसिला लगातार जारी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा से जुड़ा एक गलती थी। हुगली के भाजपा कार्यकर्ताओं ने टीएमसी का झंडा थामा और आरामबाग सांसद अपरूपा पोद्दार से हाथ मिला लिया। सांसद ने बताया कि पार्टी ने मंगलवार को गरीबों को मुफ्त खाना मुहैया कराने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया था। उन्होंने बताया कि इसी कार्यक्रम के दौरान दलित समुदाय के कुछ लोगों ने कहा कि भाजपा में जाना उनकी भूल थी। वे प्रायश्चित करने के बाद वापस तृणमूल में आना चाहते थे।
तृणमूल में लौट रहे भाजपा कार्यकर्ता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की एक बार फिर जीत हुई है। जिसके बाद पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पार्टी में लौट रहे हैं। इसी महीने में बीरभूम जिले के 50 भाजपा कार्यकर्ता तृणमूल में लौट आए थे। इसके लिए उन्होंने धरना देकर पार्टी में वापस लेने की गुहार लगाई थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि भाजपा में जाने का पछतावा है।
मुकुल रॉय भी तृणमूल में लौट आए
इससे पूर्व मुकुल रॉय भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। रॉय ने 2017 में तृणमूल को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी। हालांकि 11 जून को ममता बनर्जी की उपस्थिति में वे एक बार फिर तृणमूल में लौट आए। रॉय के पुत्र शुभ्रांशु रॉय भी पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने पार्टी में लौटने पर खुशी जताई थी और कहा था कि फिलहाल पश्चिम बंगाल में भाजपा की जो स्थिति है, उसमें कोई भी व्यक्ति भाजपा ने नहीं रुक सकता है।
भाजपा ने बताया हिंसा का परिणाम
हालांकि भाजपा ने पार्टी कार्यकर्ताओं के पलायन को चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद हुई हिंसा का परिणाम बताया है। पार्टी के मुताबिक कार्यकर्ताओं का अपने परिवार के लिए डर उन्हें सत्ताधारी पार्टी में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहा है।
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