मुंबई : अब तक 2 हजार से अधिक लोग फर्जी टीकाकरण के शिकार हुए



मुंबई/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। महाराष्ट्र सरकार ने बंबई हाईकोर्ट को बताया कि मुंबई में अब तक 2,000 से अधिक लोग कोविड-19 रोधी टीकाकरण के फर्जी शिविरों के शिकार बने हैं। राज्य सरकार के अधिवक्ता मुख्य लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने अदालत को बताया कि शहर में अब तक कम से कम नौ फर्जी शिविरों का आयोजन किया गया और इस सिलसिले में 4 अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। 

राज्य सरकार ने इस मामले में जारी जांच संबंधी स्थिति रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल की। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ को महाराष्ट्र की ओर से सूचित किया गया पुलिस ने अब तक 400 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और जांचकर्ता आरोपी चिकित्सक का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उपनगर कांदीवली की एक आवासीय सोसाइटी में फर्जी टीकाकरण शिविर लगा था, उसी मामले में एक चिकित्सक आरोपी है। 

ठाकरे ने कहा, ‘कम से कम 2,053 लोग इन फर्जी टीकाकरण शिविरों का शिकार बने। इन शिविरों के आयोजन के मामले में चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। कुछ आरोपियों की पहचान हो चुकी है, वहीं अनेक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।'

पीठ ने राज्य की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए कहा कि राज्य सरकार और निगम अधिकारियों को इस बीच पीड़ितों में फर्जी टीकों के दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए उनकी जांच करवाने के लिए कदम उठाने चाहिए। उसने कहा, ‘‘हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि टीका लगवाने (फर्जी टीकाकरण शिविरों में) वाले इन लोगों के साथ क्या हो रहा है। उन्हें क्या लगाया गया और फर्जी टीके का क्या असर पड़ा?'' 

अदालत ने बीएमसी और राज्य सरकार से कहा कि वे इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 29 जून को अदालत के सवालों और निर्देशों से संबंधित जवाब के साथ अपने हलफनामे दाखिल करें।

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