बाढ़ की स्थिति में बचाव एवं राहत के लिए कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक
बालाघाट/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। अति वर्षा की स्थिति में जिले में बहने वाली नदियों में बाढ़ आ जाने से किनारे बसे ग्रामों में पानी भरने लगता है। ऐसी स्थिति में बचाव एवं राहत के इंतजाम समय से पहले करने के मकसद से कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई और उन्हें महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये गये।
ये रहे उपस्थित
बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर शिवगोविंद मरकाम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी, बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी, कटंगी एवं किरनापुर के एसडीएम, सभी 10 जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सभी तहसीलदार, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, होम गार्ड के जिला कमांडेंट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय, उप संचालक कृषि सी आर गौर, जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती ज्योति बघेल, पशु चिकित्सक डॉ. उमा परते, वैनगंगा संभाग के कार्यपालन यंत्री एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामों की सूची तैयार कर लें और नदी में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा के अनुसार कौन से गांव कितने प्रभावित होंगे इसकी सूची पृथक से बनायें। बाढ़ से प्रभावित होने वाली ग्राम पंचातयों में ग्राम आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित कर बाढ़ की स्थिति में विस्थापित होने वाले लोगों के लिए स्थान एवं भवन चिन्हित कर लें।
बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे बाढ़ की संभावना वाले ग्रामों का एक बार भ्रमण कर स्थल निरीक्षण अवश्य कर लें। ऐसे ग्रामों में बाढ़ की स्थिति में राहत के लिए उचित मूल्य दुकानों में एडवांस में राशन एवं केरोसीन का भंडारण करके रखने के निर्देश दिये गये। बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामों में बाढ़ की स्थिति में पेयजल मुहैया कराने की व्यवस्था तैयार कर ली जाये। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी स्नैक वेनम एवं एंटी रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध रखें ।
बैठक में नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के नालों की सफाई करा लें और अधिक वर्षा की स्थिति में पानी का भराव होने वाले स्थानों को चिन्हित कर पानी की निकासी का इंतजाम करायें। सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के बिजली विभाग के अधिकारियों एवं लाईनमेन की बैठक लेकर वर्षा की स्थिति में बिजली के गुल होने की समस्या के निदान के उपाय करें।
बालाघाट-बैहर रोड पर गत वर्ष पहाड़ के धसकने की स्थिति से सबक लेते हुए तय किया गया कि इस वर्ष अधिक वर्षा की स्थिति में इस रोड पर रात्री में आवागमन रात्री में बंद कर दिया जायेगा। जरूरत होने पर दिन के समय भी आवागमन बंद रखा जायेगा। बालाघाट व बैहर एसडीएम, भरवेली व रूपझर थाना प्रभारी एवं सड़क विकास प्राधिकरण के अधिकारी को बैठक लेकर इस संबंध में चर्चा करने एवं बालाघाट-बैहर रोड का मुआयना करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में होमगार्ड के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे बालाघाट, वारासिवनी, किरनापुर, लांजी, बैहर के साथ ही खैरलांजी के थाने में भी बोट की व्यवस्था रखें। बोट चालू हालत में होना चाहिए और उसके लिए पेट्रोल आदि का इंतजाम रखा जाये। सभी एसडीएम एवं जनपद सीईओ अपने वाहन में बाढ़ के दौरान बचाव व राहत कार्य के लिए लाईफ जैकेट, रस्से, टिव एवं टार्च अनिवार्य रूप से रखें।
बैठक में बताया गया कि कलेक्ट्रेट कार्यालय के कोविड कंट्रोल रूम को बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम के रूप में उपयोग किया जायेगा। इस कंट्रोल रूम में बाढ़ के दौरान जिले के किसी स्थान पर बिजली गुल होने संबंधी सूचना भी दी जा सकेगी। इस कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 1075 पर बाढ़ की स्थिति में बिजली गुल होने संबधी सूचना भी प्राप्त की जायेगी।
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