उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है। ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना भी बनी हुई है। हर सावधानी के साथ, आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को और ज्यादा बढ़ाना होगा।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी लक्ष्य के साथ आज देश में अग्रिम मोर्चे के करीब एक लाख कोरोना योद्धाओं को तैयार करने का ‘‘महा-अभियान'' शुरु हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस अभियान से कोविड से लड़ रहे स्वास्थ्य क्षेत्र के लोगों को नई ऊर्जा भी मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।'' इस कार्यक्रम की शुरुआत 26 राज्यों में फैले 111 प्रशिक्षण केन्द्रों में की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी ने दुनिया के हर देश, हर संस्था, हर समाज, हर परिवार और हर इंसान के सामर्थ्य और उसकी सीमाओं को बार-बार परखा है तथा साथ ही इसने विज्ञान, सरकार, समाज संस्था और व्यक्ति के रूप में भी अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए हमें सतर्क भी किया है। उन्होंने कहा कि इसी के मद्देनजर पीपीई किट से लेकर उपचार के अन्य जरूरी संसाधनों का एक बड़ा ढांचा आज भारत में बना है और इस पर अभी भी काम चल रहा है।
देश में 21 जून से आरंभ हो रहे टीकाकरण अभियान के नये चरण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब 18 साल से ऊपर के लोगों को वही सुविधा मिलेगी जो अभी 43 साल के ऊपर के लोगों को मिल रही थी। कोरोना से बचाव के सभी उपायों का अनुसरण करने का आग्रह करते उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार हर देशवासी को मुफ्त टीका लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।'' इस अवसर पर केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, आर के सिंह, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे और जाने माने चिकित्सक नरेश त्रेहन उपस्थित थे।
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