बालाघाट : उद्यानिकी फसलों हाई टेक कृषि को बढ़ावा दिया जाना चाहिए



कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गांव में वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित 

बालाघाट/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। राणा हनुमान सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गांव, बालाघाट में वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक ऑनलाईन गूगल मीट एप्प पर डॉ. दिनकर शर्मा, संचालक विस्तार सेवायें, ज.ने.कृ.वि.वि., जबलपुर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में संचलनालय से वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार वर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र, बैतूल, डॉ. शेखर सिंह बघेल, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. दत्तात्रेय बावस्कर वैज्ञानिक- बी केन्द्रीय रेशम बोर्ड, बालाघाट, डॉ. पी.के. गुप्ता तथा डॉ. दिपाली बाजपेई ने भाग लिया।

कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. आर.एल. राऊत ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें केन्द्र द्वारा संपादित की गई गतिविधियां के विषय में जानकारी दी, साथ ही आगामी वर्ष की कार्ययोजना को भी प्रस्तुत किया। वैज्ञानिक परामर्षदात्री समिति की बैठक में केन्द्र के सभी वैज्ञानिकों के साथ-साथ विस्तार संचलनालय जबलपुर से वैज्ञानिक डॉ. पी.के. गुप्ता तथा डॉ. दिपाली बाजपेई, कृषि विभाग बालाघाट के उपसंचालक सी.आर. गौर एवं उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक सी.डी. देशमुख एवं प्रगतिशील कृषक जियालाल राहंगडाले ग्राम बगड़मारा,  विशाल कटरे ग्राम परसवाड़ा भी उपस्थित रहें। श 

संचालक विस्तार सेवायें डॉ. शर्मा ने कहा कि बालाघाट में जिन खेतों में पानी अधिक भरा रहता हैं वहां पर मखाना की फसल लगाकर उसका परीक्षण करना चाहिए, जिससे कम लागत में किसान भाई अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। साथ ही डॉ. शर्मा ने कहा कि धान में रोग एवं कीट प्रतिरोधी किस्म के साथ-साथ जल्दी पकने वाली किस्मों का चयन करना चाहिए एवं द्विफसलीय फसल को बढ़ावा देना चाहिए। उपसंचालक कृषि श्री गौर ने सुझाव दिया कि धान की उन्नत किस्म जे.आर. 81, जे.आर. 206 आदि नई किस्मों को बढ़ावा देना चाहिए, साथ ही बीज उपचार कर बुवाई करना चाहिए।

सहायक संचालक उद्यानिकी सी.बी. देशमुख ने सुझाव दिया कि उद्यानिकी फसलों हाई टेक कृषि को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। नाबार्ड में महाप्रबंधक रोशन महाजन ने सुझाव दिया कि हस्त चलित एवं शक्ति चलित पैडी ट्रांसप्लान्टर एवं सब्जी पौध ट्रांसप्लान्टर को बढ़ावा दिया जाए। इस बैठक में केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. एस.आर. धुवारे, डॉ. एस.के. जाटव, डॉ. बी.के. प्रजापति, धमेन्द्र आगासे, कार्यक्रम सहायक डॉ. एम.पी. इंगले, कुमारी अंजना गुप्ता ने भी संपादित किए गए कार्यों के संबंध में जानकारी दी।

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