मुख्यमंत्रियों, भाजपा ने मोदी की मुफ्त टीके की पहल सराही, विपक्ष ने बताया अदालत का डर


 नई दिल्ली/अक्षरसत्ता/ऑनलाइन। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं भाजपा ने 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को कोविड-19 का टीका मुफ्त मुहैया कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का स्वागत किया परंतु विपक्षी दलों ने दावा किया कि केंद्र ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपनी साख बचाने के लिए इस ‘त्रुटिपूर्ण’ टीका नीति को वापस ले लिया।

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा,‘‘जब भी देश में कोई संकट आया, मोदी ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला है।’’ पार्टी के कई नेताओं ने भी प्रधानमंत्री के इस कदम की प्रशंसा की और कहा कि इसने महामारी के खिलाफ जंग में नयी ताकत फूंक दी है।

विपक्षी दल कांग्रेस ने सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त टीका मुहैया कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर सोमवार को कहा कि यह ‘देर आए, लेकिन पूरी तरह दुरुस्त नहीं आए’ की तरह है क्योंकि मुफ्त टीकारण की मांग को सरकार ने आंशिक रूप से स्वीकार किया है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री ने देश में पहले के टीकाकरण के कार्यक्रमों के बारे में टिप्पणी करके अतीत की चुनी हुई सरकारों और वैज्ञानिकों का अपमान किया है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पिछले कई महीनों में बार बार यह मांग रखी कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त टीका लगना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ने इससे इनकार कर दिया। फिर उच्चतम न्यायालय ने मोदी जी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘एक साधारण सवाल: अगर टीके सभी के लिए मुफ्त हैं तो फिर निजी अस्पतालों को पैसे क्यों लेने चाहिए।’’

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (कांग्रेस), ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (बीजद), तमिलनाडु के मुख्यंमत्री एम के स्टालिन (द्रमुक), केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (माकपा) और बिहार के मुख्मयंत्री नीतीश कुमार (जदयू) राज्यों के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने प्रशंसा की कि केंद्र ने मुफ्त टीके की आपूर्ति का अनुरोध स्वीकार कर लिया।

प्रधानमंत्री की आलोचक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममत बनर्जी ने कहा कि महीनों बाद उन्होंने आखिकार ‘हमारी बात सुनी।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ भारत के लोगों के कल्याण को महामारी की शुरुआत से ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी। लेकिन दुर्भाय से प्रधानमंत्री के इस देर के फैसले से कई जिंदगियां चली गयीं। आशा है कि इस बार बेहतर प्रबंधन से टीकाकरण होगा और लोगों पर न कि प्रचार पर ध्यान दिया जाएगा।’’

पटनायक ने कहा, ‘‘ हर जिंदगी कीमती है । जबतक सभी को टीका नहीं लग जाता तबतक कोई सुरक्षित नहीं है। एक राष्ट्र के तौर पर हम कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट रहें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को टीकाकरण को राष्ट्रीय मिशन बनाने के लिए धन्यवाद।’’

अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 टीकों की खरीदारी एवं वितरण का जिम्मा अपने हाथ में लेने का केंद्र का फैसला उन राज्यों के लिए मददगार होगा, जिन्हें टीके खरीदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अमरिंदर ने ट्वीट किया, ‘‘अच्छी बात है कि केंद्र ने पूरे देश में सभी आयु वर्गों के लिए टीकों की खरीदारी एवं वितरण का जिम्मा अपने हाथ में लेने का फैसला किया है। मैंने (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी जी को निजी तौर पर दो बार पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि कोविड-19 टीकों संबंधी संकट से निपटने का यही एकमात्र उपाय है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘...इससे मूल्य निर्धारण में भी समानता आएगी, जिसकी वैश्विक महामारी के दौरान बहुत आवश्यकता है। मैं खुश हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारा अनुरोध स्वीकार किया।’’

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र का फैसला प्रशंसनीय है और इससे कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चल रही जंग जीतने में मदद मिलेगी।

विजयन ने कहा, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री की कोविड-19 टीका 21 जून से राज्यों को मुफ्त देने की घोषणा इस समय की सबसे बड़ी मांग है। मुझे खुशी है कि हमारे अनुरोध पर प्रधानमंत्री का सकारात्मक जवाब आया। ’’

हालांकि वामदलों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राज्यों पर जिम्मा डालकर ‘‘अपनी संदिग्ध भेदभावकारी टीका का बचाव करने’’ का प्रयास किया है।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘अब मोदी ने मुफ्त एवं सार्वभौमिक टीकाकरण संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्देश के डर अपनी नीति छोड़ दी। मोदी सरकार को अब मुफ्त एवं सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम को ईमानदारी से लागू करना चाहिए और कोई बहानेबाजी नहीं करना चाहिए। काफी कुछ करने की जरूरत है । कई जिंदगियां बचानी है।’’

स्टालिन ने देश में उत्पादित टीकों का 75 फीसद खरीदने एवं उन्हें राज्यों को मुफ्त देन के केंद्र के फैसले का स्वागत किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ अपने पिछले रूख में बदलाव करने को लेकर मैं प्रधानमंत्री की प्रशंसा करता हूं। ’’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी के लिए कोरोना टीकाकरण नि:शुल्क किए जाने की घोषणा को जनभावनाओं की जीत बताया है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘ हम माननीय उच्चतम न्यायालय के प्रति आभार प्रकट करते हैं कि उसके हस्तक्षेप के बाद देशभर में सभी आयु वर्गों के लिए टीके उपलब्ध कराये जायेंगे। यदि केंद्र सरकार चाहती तो काफी पहले वह ऐसा कर सकती थी, लेकिन केंद्र की नीतियों की वजह से न तो राज्य टीके खरीद पाये और न हीं केंद्र सरकार उसे दे रही थी। ’’

दो जून को उच्चतम न्यायालय ने 18-44 साल आयु वर्ग के लिए केंद्र की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाया था और कहा था कि यह ‘प्रथमदृष्टया मनमानी भरी एवं अतार्किक है।’ शीर्ष अदालत ने केंद्र से अपनी टीकाकरण नीति की समीक्षा करने को कहा था।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, '' एक और गैर-जरूरी भाषण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद, जिसकी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के जरिए भी दी जा सकती थी। टीका नीति को लेकर बदलाव उच्चत न्यायालय के आदेश का परिणाम जान पड़ता है। हालांकि, भयानक टीका नीति का आरोप राज्यों पर मढ़ दिया गया। मोदी टीका आपूर्ति सुनिश्चित करने में नाकाम रहे।''

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने कहा, ‘‘ कई राज्यों को 18-44 साल के लोगों के लिए कोविड टीके खरीदे की आजादी दी गयी थी लकिन कई राज्यों को ऐसा करना मुश्किल लगा। हम आभारी हैं कि प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे का समाधान किया।’’

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इससे इस सरकार की संवेदनशीलता एवं प्रतिबद्धता झलकती है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त कोरोना वायरस टीका दिए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को लेकर सोमवार को उन्हें धन्यवाद दिया।

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