बिहार : खाद की कालाबाजारी करने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई



रिपोर्टर सतीश मिश्रा
पूर्वी चंपारण/बिहार/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई।  

उक्त जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में मंत्री गन्ना उद्योग एवं विधि विभाग -सह- मोतिहारी विधायक प्रमोद कुमार,  विधायक मधुबन, राणा रणधीर सिंह, विधायक हरसिद्धि, कृष्ण नंदन पासवान, विधायक कल्याणपुर, मनोज कुमार यादव, विधायक चिरैया, लाल बाबू प्रसाद गुप्ता, विधायक ढाका, पवन कुमार जयसवाल, विधायक पिपरा, श्याम बाबू प्रसाद यादव, विधायक खेसरिया, श्रीमती शालिनी मिश्रा, विधायक गोविंदगंज, सुनीलमणी तिवारी, विधायक रक्सौल, प्रमोद कुमार सिन्हा, विधान पार्षद खालिद अनवर द्वारा भाग लिया गया। 

जिलाधिकारी द्वारा उर्वरक निगरानी समिति के दायित्व के बारे में सदस्यों को बताया गया। उन्होंने बताया कि इस खरीफ मौसम में धान का आच्छादन का लक्ष्य 183000 हेक्टेयर रखा गया है। जिसमें धान का बिचड़ा 54% लगा दिया गया है। धान की रोपनी अभी शुरू नहीं हुआ है। मक्का का अछादान लक्ष्य 12000 हेक्टेयर रखा गया है। 

जिलाधिकारी  के द्वारा उर्वरक के माहवार आवश्यकता के बारे में सदस्यों को बताया गया। उन्होंने बताया कि अप्रैल से सितंब सितंबर तक 48683 मेट्रिक टन यूरिया, 15966 मेट्रिक टन DAP, 4500 मेट्रिक टन MOP, 9293 मेट्रिक टन NPK, 4800 मेट्रिक टन SSP की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा कि अप्रैल से10 जून तक 18360.9 मीट्रिक टन उर्वरक की बिक्री हुई है। अभी 3060 मिट्रिक टन उर्वरक शेष है। जिलाधिकारी ने बताया कि सभी उर्वरकों के दाम विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्धारित निर्धारित किया गया है। उन्होने कहा कि 20-21 में 106 उर्वरक  प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई। जिसमें 3 पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, 9 की लाइसेंस रद्द किया गया है, 18 का निबंधन निलंबन किया गया है। 

उन्होंने बताया कि जिला में खुदरा उर्वरक लाइसेंस धारियों की संख्या 1614 है, थोक उर्वरक लाइसेन्स धारियों की संख्या 50 है, खुदरा बीज  लाइसेंस धारियों की संख्या 1146 है, कीटनाशक लाइसेंस धारियों की संख्या 162 है, इफको ई बाजार लाइसेंस धारी की संख्या 7 है। 

जिलाधिकारी बारी-बारी से सभी सदस्यों से  अपने विचार तथा सुझाव देने को कहा। सभी सदस्यों ने अपने सुझाव एवं विचार को जिला पदाधिकारी के समक्ष रखा। सदस्यों ने जिलाधिकारी से उर्वरक घोटाले न हो, गेहूं खरीद मे गडबडी न हो एवं खाद निर्धारित दर पर बिक्री हो यह सुनिश्चित करने हेतु अनुरोध किया गया। सदस्यों ने कहा कि खाद बाजार में ब्लैक में ना मिले यह सुनिश्चित प्रशासन द्वारा किया जाना चाहिए। जिस व्यक्ति को लाइसेंस दिया गया है, उसका प्रॉपर ट्रेनिंग हो, ट्रेनिंग के बाद उसे पॉश मशीन उपलब्ध कराया जाए। 

जिला पदाधिकारी ने सभी सदस्यों को आश्वस्त किया गया कि दिए गए सुझाव को अमल में लाया जाएगा। गेहूं खरीद में बिचौलियों पर निगरानी रखी जाएगी तथा कार्रवाई की जाएगी। 

जिलाधिकारी ने बताया कि यदि किसी पंचायत में गेहूं की खरीद नहीं हुई है उस पंचायत में कैंप लगाकर गेहूं खरीद किया जाएगा। जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा लाइसेंस लेने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। 

उक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपनीय शाखा, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी - सह - जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद थे।

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