मण्डला : स्व-सहायता समूहों को जोड़ते हुए उद्यानिकी फसलों को प्रोत्साहित करें - हर्षिका सिंह



कलेक्टर ने किया मोहगांव विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों का भ्रमण
रिपोर्टर विजय पटेल 
मण्डला/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कलेक्टर हर्षिका सिंह ने मोहगांव विकासखण्ड के देवगांव, सुडगांव, रैयगांव तथा खीसी आदि ग्रामों का आकस्मिक निरीक्षण कर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत् किए जा रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया तथा ग्रामीणजनों को वैक्सीनेशन के संबंध में समझाईश दी। 

भ्रमण के दौरान अपर कलेक्टर मीना मसराम, सहायक कलेक्टर अग्रिम कुमार, एसडीएम सुलेखा उईके, सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह, उपसंचालक कृषि एसएस मरावी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

देवगांव में कपिलधारा कूप तथा खेत तालाब का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर हर्षिका सिंह ने उचित गुणवत्ता के साथ समयसीमा में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण स्थलों पर योजना का नाम, योजना की लागत आदि से संबंधित जानकारी के बोर्ड लगाए जाएं। उन्होंने श्रमिकों के नियोजन के संबंध में भी जानकारी ली। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि कार्यस्थल पर कोविड-19 से बचाव के संबंध में शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाए। 

कलेक्टर ने ग्राम पंचायत सुडगांव में मनरेगा के कार्यों का निरीक्षण करते हुए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां पानी की उपलब्धता पर्याप्त है वहां उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जाए। स्व-सहायता समूहों को भी उद्यानिकी फसलों से जोड़ें। खेत-तालाब में मत्स्य पालन को बढ़ावा दें। मनरेगा के कार्यों को मिट्टी तक सीमित न रखें इन्हें परिणाममूलक बनाएं। पशुपालन तथा बकरीपालन को प्रोत्साहित करते हुए स्थल का चयन कर क्षेत्र को पोल्ट्री हब के रूप में विकसित करें। 

कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि रैयगांव में शिविर लगाकर हितग्राहियों को उद्यानिकी फसलों से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।

कलेक्टर हर्षिका सिंह ने कहा कि विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की पंचायत स्तर पर उपस्थिति के लिए नियत दिनांक अथवा दिन की जानकारी ग्राम पंचायत पर अंकित की जाए। उन्होंने खीसी चुभावल क्षेत्र में कोदो-कुटकी की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के निर्देश दिए। 

उन्होंने खीसी में स्कूल के पुराने भवन का स्व-सहायता समूह की गतिविधियों के लिए उपयोग करने की बात कही। उन्होंने ग्राम की सभी गर्भवती महिलाओं के हीमोग्लोबिन की जांच कराने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य तथा महिला बाल विकास विभाग के अमले को निर्देश दिए। 

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