बिहार : केसरिया स्तूप पुरातत्व विभाग की संपत्ति है : मंत्री



चम्पारण के नाम से टूरिज्म की व्यवस्था हो, बुद्धिजीवियों ने सौंपा ज्ञापन

रिपोर्टर असरफ आलम
केसरिया/पूर्वी चंपारण/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। केसरिया में स्थापित विश्व प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप के परिसर में बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद स्तूप का भ्रमण करने व इसके सौंदर्यीकरण पर चर्चा करने पहुंचे। वहीं इस संदर्भ में मंत्री श्री प्रसाद ने बताया कि केसरिया पहले से ही नामी जगह है, यहां केशर बाबा का स्थान भी है। इसे  पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का पर्यटन विभाग का विचार है। जिसके मद्देनजर यहां पर्यटन भवन व रेस्टोरेंट भी बनवाया है। पार्किंग का भी व्यवस्था हम लोगों ने किया है ‌। जो बौद्ध लोग जो आते हैं उनके रहने ठहरने की भी व्यवस्था है। टूरिज्म का मतलब है की टूरिस्ट के आवागमन की साधन रुकने की व्यवस्था,खाने के लिये भोजन, इस सब पर हम चाहते हैं कि चम्पारण के नाम से टूरिज्म की व्यवस्था हो। वहीं उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य है थोड़ विलंब होता है। लेकिन हमारी प्रयास निरंतर जारी है। बौद्ध स्तूप का सौंदर्यीकरण पुरातत्व को हमने पत्र लिखा है। सरकार ने भी हमारी इच्छा को गति प्रदान की है।  यहां सत्तरघाट पुल और नेशनल हाईवे जो दिघा घाट पुल से होकर वैशाली के बरुआ से होते हुए साहेबगंज समेत केसरिया के रास्ते अरेराज तक की सड़क को लौरिया तक बनाया जाये। कुशीनगर से बेतिया तक पुल का निर्माण हो रहा है जो तीर्थाटन करने वाले लोगों के लिए सुविधाजनक है। वहीं उन्होंने कहा कि जो भी पर्यटन लोग हैं वो इसका आनंद लें। वहीं पत्रकार के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केसरिया स्तूप पुरातत्व विभाग का संपत्ति है‌।जिसकी खुदाई या स्तुप का सौंदर्यीकरण एक ईंच भी हम नहीं करा सकते हैं। लेकिन हमलोगों का प्रयास होगा की जितना जल्दी हो सके इसको विकसित करेंगे। 

महात्मा बुद्ध सेवा संस्थान के बुद्धिजीवी शिक्षक सीताराम यादव व प्रफुल्ल कुंअर ने संयुक्त रूप से मंत्री को एक लेटर देकर अपनी तेरह सूत्री मांग रखी। जिस पर मंत्री ने आश्वासन दिया की हमसे जहां तक बन सकेगा हम तत्पर हैं, आप लोगों के सहयोग की जरुरत है। वहीं उन्होंने पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रविन्द्र कुमार बेरवार के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पर्यटक भवन और कैफेटेरिया बना दिया गया है। पुल और स्टेट हाईवे बनकर तैयार है। वहीं उन्होंने कैफेटेरिया के पहुंच पथ पर कहा कि पूर्व जिलाधिकारी को सात सौ फीट सड़क निर्माण के लिए जमीनी अधिग्रहित कर सड़क निर्माण के लिए छ: लाख रुपया दिया गया था। लेकिन रुपये कम पड़ने को लेकर सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं हुआ। जिसको हमने बढ़ा कर तीस लाख रुपए दिये हैं । इसके पहुंच पथ का जमीन अधिग्रहण हो गया है। बहुत जल्द इस पर सड़क का कार्य आरम्भ हो जाएगा। सीईओ प्रवीण कुमार सिन्हा की गैरमौजूदगी पर मंत्री श्री प्रसाद ने नाराजगी जताई। 
इस मौके पर स्थानीय विधायक शालीनी मिश्रा, जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव हीरालाल महतो, जिलाध्यक्ष रतन सिंह पटेल, विशाल शाह, प्रखंड अध्यक्ष मो.  ईशाक आजाद, डीसीएलआर चकिया, बीडीओ आभा कुमारी, जदयू नेता श्रीकांत सिंह, सुदामा पटेल, पूर्व मुखिया अमजद अली खां उर्फ गुड्डू खां, संजय किशोर तिवारी, शंभू कुंअर, रिपू सूदन सिंह, नेजाम खां, मुखिया पति देवालाल यादव, सुमित सिंह, आशीश जयसवाल समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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