बिहार में सियासी हलचल तेज, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से मिले तेज प्रताप


पटना/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन।
बिहार में आज सियासत उस वक्त गर्मा गई, जब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बडे़ बेटे तेज प्रताप यादव राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से मिलने उनके आवास पर पहुंच गये। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई. ऐसे में मांझी और तेज प्रताप के बीच मुलाकात के बाद सियासी हलचल तेज हो गई। कई तरह के कयास भी लगाये जा रहे हैं। इस मुलाकात के बाद मीडिया के एक सवाल पर बातचीत का मजमून बताने से तेज प्रताप ने इनकार किया, लेकिन इतना कहा कि मांझी के लिए राजद का दरवाजा खुला है।

एनडीए में रहते हुए लगातार मांझी के भाजपा के खिलाफ आ रहे बयानों को देखते हुए मुलाकात राजनीति के लिए नई करवट मानी जा रही है। हालांकि मांझी और तेजप्रताप इससे इनकार कर रहे हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि आज राजद प्रमुख लालू यादव का जन्मदिन है. मैंने उन्हें ट्वीट के बाद फोन पर भी बधाई दी है।

उन्होंने कहा कि तेजप्रताप से मुलाकात में किसी तरह की राजनीतिक बातें नहीं हुई है. राजनीति के अलावा भी बातें होनी चाहिए। एनडीए में रहने से जुडे़ सवाल पर मांझी ने कहा कि बाहर जाने का तो सवाल ही नहीं है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एनडीए का साथी है। उन्होंने कहा कि मिलना-जुलना लगा रहना चाहिए. तेजप्रताप की ओर से ऑफर मिलने की बात को भी मांझी ने सिरे से नकार दिया।

मांझी ने कहा कि इस मुलाकात को साफ कहा है कि इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए। उन्होंने साफ कर दिया कि यह निजी मुलाकात थी। मांझी ने कहा कि तेज प्रताप से कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। मुलाकात में सिर्फ संगठन और युवाओं को लेकर बात हुई है।

उन्होंने कहा इस मुलाकात में तेज प्रताप ने प्रस्ताव दिया है कि राज्य में एक ऐसे गैर  राजनीतिक संस्था की शुरुआत की जाए, जिसमें सभी पार्टियों के लोग अपने अनुभव साझा करें। मैंने उसमें हर प्रकार के सहयोग का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि तेज प्रताप के ऑफर को नहीं मान रहे हैं। उन्होंने इस भेंट को लेकर कहा कि इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए।

पहले भी लालू परिवार के लोग हमसे मिलने के लिए आते रहे हैं। वहीं तेज प्रताप ने भी कहा है कि यह पूरी तरह से पारिवारिक मुलाकात थी। इसमें किसी प्रकार की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के सियासी मायने न निकाले जाएं। मैं केवल हाल-खबर लेने मांझी जी के आवास आया था। तेज प्रताप ने कहा कि कई दिन से मांझी जी से नहीं मिल पाया था।

लॉकडाउन के बाद आज उनसे मुलाकात करने के लिए आया हूं. यह पूरी तरह से पारिवारिक मुलाकात थी. यह कोई नई बात नहीं हैं. पहले भी कई बार उनसे मार्गदर्शन लेने के लिए मार्गदर्शन लेने के लिए मिलता रहा हूं. उन्होंने बताया कि इस मुलाकात में हमने एक गैर राजनीतिक संस्था शुरू करने की बात कही है, ताकि जो भी पुराने नेता हैं, वह अपना अनुभव और मार्गदर्शन नई पीढ़ी के साथ साझा कर सकें. 

बहरहाल, अब दोनों नेताओं ने भले ही इस मुलाकात को पारिवारिक मुलाकात कहकर टालने की कोशिश की है, लेकिन बिहार की सियासत की समझ रखनेवालों के लिए यह किसी नए समीकरण की शुरुआत है. जिसका असर मौजूदा नीतीश सरकार पर पड़ना तय माना जा रहा है. पिछले कुछ समय से मांझी लगातार सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं.

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