बिहार : लॉकडाउन में भी नहीं लगी अपराधों पर लगाम, चोरी और हत्या में पटना अव्वल, लूट के मामले मधेपुरा सबसे आगे


पुलिस ने जारी किया अपराधों का हिसाब-किताब

पटना/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से एक जानकारी जारी की गई है, जिसमें प्रदेश के अपराधिक मामलों का जिक्र किया गया है। राज्य के पूर्णिया में पिछले तीन महीनों के दौरान सबसे ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं हुईं। वहीं चोरी-डकैती की घटनाएं भी सूबे में थमने का नाम नहीं ले  रहीं। पुलिस विभाग के द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन महीने के अंदर पटना में चोरी की वारदात सबसे अधिक हुई।

जनवरी से मार्च के बीच 153 चोरी की घटनाएं पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज की गई हैं । जबकि वैशाली में सबसे ज्यादा डकैती की 6 घटनाएं हुईं । सबसे मजेदरा बात तो यह है कि कोरोनाकाल में एक ओर जहां लोग संक्रमण से तबाह थे, वहीं दूसरी ओर अपराध ने भी लोगों का जीना मुश्किल कर दिया था। सबसे अधिक हत्या के मामले में राजधानी पटना में दर्ज किये गये हैं।

बिहार पुलिस ने साल के शुरुआती तीन महीने यानी जनवरी से मार्च तक के अपराध का ब्यौरा को सामने लाया है. इन तीन महीने में किस-किस स्तर के अपराधों को अंजाम दिया गया, उसे कैटेगरी के हिसाब से बताया गया है. सूत्रों के अनुसार शुरू के 3 महीने में पटना जिले में 40 हत्याएं हुईं. जो प्रदेश के किसी अन्य जिलों में दर्ज हत्या के मामले से अधिक है.

वहीं लूट के मामले सबसे अधिक मधेपुरा जिला में दर्ज किए गए हैं. यहां किसी अन्य जिले से अधिक 47 लूट की घटनाएं तीन महीने के अंदर हुई. बिहार पुलिस के द्वारा जारी इन तीन महिने के आंकडे में कई ऐसे कैटेगरी भी हैं, जिनमें पिछले तीन माह के तूलना में कम मामले दर्ज हुए. लेकिन कई मामले ऐसे भी रहे जिनमें बढ़ोतरी भी देखी गई है.

पिछले साल 2020 के अंतिम तीन माह अक्टूबर से दिसंबर तक प्रदेश में हत्या के 743 कांड दर्ज किये गये थे. जबकि इस साल के शुरुआती तीन महीने में ये घटकर 640 हो गए. वहीं इन्ही तीन महीने में डकैती के मामले 51 से 72 हो गए. इसतरह से बिहार में अपराध की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है.

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